नई दिल्ली: टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज रोहित शर्मा को वनडे टीम का नया कप्तान नियुक्त किया गया है. उन्हें विराट कोहली की जगह पर ये कमान सौंपी गई है. बता दें कि इसी साल विराट पहले ही वनडे टीम की कप्तानी छोड़ चुके हैं. लेकिन इसी बीच एक बड़ा खुलासा इस बात को लेकर हुआ है कि विराट वनडे टीम की कमान नहीं छोड़ना चाहते थे और बीसीसीआई ने जबरन उनसे कप्तानी छीनी है. 


बीसीसीआई ने छीनी विराट से कप्तानी


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वर्ल्ड कप में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद ऐसा होना ही था और बुधवार को बीसीसीआई ने विराट कोहली को भारत की वनडे टीम के कप्तान पद से हटाकर बागडोर रोहित शर्मा को सौंप दी.  बता दें कि बीसीसीआई ने कोहली के वनडे टीम की कप्तानी से हटने के लिए पिछले 48 घंटों का इंतजार किया लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. फिर 49वें घंटे में कोहली रोहित शर्मा को यह पद गंवा बैठे जो होना ही था. शायद किसी को यह बताने के लिए उसका समय हो चुका है, कोहली की बर्खास्तगी के बारे में बीसीसीआई के बयान में जिक्र भी नहीं किया गया जिसमें सिर्फ कहा गया कि चयन समिति ने आगे बढ़ने के दौरान रोहित को वनडे और टी20 अंतरराष्ट्रीय टीमों का कप्तान बनाने का फैसला किया है. कोहली ने बस यूं ही अपनी कप्तानी गंवा दी.


2023 वर्ल्ड कप के लिए हुआ फैसला


बीसीसीआई और राष्ट्रीय चयन समिति ने कोहली को कप्तानी से हटा दिया क्योंकि वो 2023 वनडे वर्ल्ड कप तक एक नए कप्तान को सेट करना चाहते हैं. जिस पल भारत टी20 विश्व कप के ग्रुप चरण से बाहर हुआ, कोहली को कप्तानी से हटाया जाना तय हो गया था लेकिन बीसीसीआई अधिकारी पिछले साढ़े 4 सालों से टीम के कप्तान को सम्मानजनक रास्ता देना चाहते थे. अंत में ऐसा लगता है कि कोहली ने बीसीसीआई से कहा कि उन्हें बर्खास्त करके दिखाओ और खेल की शीर्ष संस्था ने आगे बढ़कर ऐसा ही किया और फिर उनके सामने इसे स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था.


शानदार रहा कोहली का सफर


कोहली की कप्तानी का दौर खुद में एक शानदार दास्तां रहा है. ‘कूल’ महेंद्र सिंह धोनी ने अपने नेतृत्व में कोहली को तैयार किया और फिर जब उन्हें लगा कि समय आ गया तो उन्होंने सफेद गेंद की जिम्मेदारी उन्हें सौंप दी. अगले 2 सालों में कोहली टीम के ताकतवर कप्तान बन गए जो अपने हिसाब से चीजें करता. फिर उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित की गई प्रशासकों की समिति थी जिन्होंने उनकी हर मांग (कुछ सही और कुछ गलत) को पूरा किया. फिर पारंपरिक प्रशासकों की वापसी हुई जिसमें बहुत ताकतवर सचिव और अध्यक्ष थे जो खुद ही सफल कप्तानी के बारे में जानकारी रखते थे. अंत में सफेद गेंद के दोनों फॉर्मेट के लिए दो अलग-अलग कप्तानों की कोई जगह नहीं रही.


(Input- भाषा)


VIDEO-