कोहली की चेतावनी! दक्षिण अफ्रीका दौरे पर `विराट` रुख अपनाएगी टीम इंडिया
श्रीलंका के खिलाफ सोमवार (27 नवंबर) को खत्म हुये दूसरे टेस्ट मैच में आक्रमक रवैया का परिचय देते हुये उन्होंने 267 गेंद में 213 रन की पारी खेलकर टीम को बड़े स्कोर तक ले गये.
नागपुर: आक्रामक बल्लेबाजी के लिये मशहूर भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका दौरे पर नतीजे अपने पक्ष में करने के लिये टीम के खिलाड़ियों को आक्रमक रवैया अपनाना होगा. श्रीलंका के खिलाफ सोमवार (27 नवंबर) को खत्म हुये दूसरे टेस्ट मैच में आक्रमक रवैया का परिचय देते हुये उन्होंने 267 गेंद में 213 रन की पारी खेलकर टीम को बड़े स्कोर तक ले गये. कोहली के दोहरे शतक और मुरली विजय, चेतेश्वर पुजार तथा रोहित शर्मा के शतकों के दम पर भारत ने विशाल स्कोर खड़ा करने के बाद यह सुनिश्चित किया कि गेंदबाजों के पास श्रीलंका को ऑल आउट करने का पूरा समय हो. भारत ने मैच को पारी और 239 रन के बड़े अंतर से मैच अपने नाम किया.
मैच के बाद कोहली ने कहा, ‘‘मैं अपनी शैली में बल्लेबाजी करना चाहता था. मैं तेजी से रन बनाकर गेंदबाजों को पूरा समय देना चाहता था ताकि वे श्रीलंका की पारी को समेट सके.’’ भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘हमें विदेशों में ऐसे भी ऐसा रूख अख्तियार करना होगा, इसलिये मैं यहां ऐसा करना चहता था. मैं हमेशा बड़े शतक बनाकर अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहता हूं ताकि टीम को इसका फायदा हो सके. शतक बनाने के बाद जब आप एकाग्रता खोते है तो एक-दो विकेट जल्दी गिर सकते है. मैं इस तरीके से सोचता हूं कि नये बल्लेबाज की तुलना में क्रीज पर टिका हुआ बल्लेबाज आसानी से शॉट खेल सकता है और मेरी फिटनेस ने लंबी पारी खेलने में मदद की.’’
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चेतेश्वर पुजारा लंबे समय से टीम के लिये टेस्ट मैचों में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे है, लेकिन विजय और रोहित के फॉर्म में लौटने से कोहली के पास टीम चयन को लेकर दुविधा की स्थित अच्छी बात है. कोहली ने कहा, ‘‘हम सब जानते है पुजारा निरंतर प्रदर्शन करते है. विजय कुछ समय के बाद खेल रहे थे, उन्हें भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने पर फक्र होता है. मुझे पता है टीम से बाहर होने से वह दुखी होते होंगे और उन्होंने शानदार वापसी की. रोहित ने भविष्य के लिये अपना दावा मजबूत किया. हम जब भी टीम संयोजन की बात करेंगे वह उसका हिस्सा होंगे. आनेवाले समय में हमें बहुत सारे टेस्ट मैचों में खेलना है.’’
विराट कोहली ने इस मौके पर गेंदबाजों की भी तारीफ की, खासकर तेज गेंदबाजों की. उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ महीने में भुवनेश्वर कुमार ने भारत के लिये बहुत सारे मैच खेले हैं. ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और उमेश यादव ने ज्यादा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला है. लेकिन घरेलू प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने काफी गेंदबाजी की है और वे हमेशा कहते हैं कि लय में रहने के लिये यह जरूरी है. इस पिच पर भी उन्होंने कमाल की गेंदबाजी की, हालांकि स्पिनरों ने अच्छा काम किया, ईशांत हमारे लिये कमाल के गेंदबाज रहें.’ शानदार पारी के लिये मैन ऑफ मैच बने कोहली ने कहा कि टीम श्रीलंका के खिलाफ श्रृंखला को दक्षिण अफ्रीका की तैयारियों के तौर पर ले रही क्योंकि उनके पास समय नहीं है.
उन्होंने 27 दिसंबर से शुरू हो रहे दौरे के बारे में कहा, ‘हमारा मानना है कि हमें दक्षिण अफ्रीका दौरे की तैयारी करनी है. इसलिये हमने ऐसी पिच तैयार करने के लिये कहा जो तेज गेंदबाजों की मदद करती हो. लेकिन इस (नागपुर) पिच दूसरे दिन के बाद से तेज गेंदबाजो के लिये ज्यादा कुछ नहीं था. कोलकाता में हमें आदर्श विकेट मिला था.’ भारतीय कप्तान ने कहा, ‘हमारे पास दौरे की तैयारियों के लिये ज्यादा समय नहीं है, इसलिये जो समय है उसी को दक्षिण अफ्रीका दौरे की तैयारियों के लिये इस्तेमाल करना है.’
इस मौके पर श्रीलंका के कप्तान दिनेश चांदीमल से जब टीम के खराब प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो उनके पास शब्दों की कमी दिखी. उन्होंने बल्लेबाजों पर दोष मढ़ते हुये कहा कि भारत जैसी टीम के साथ अच्छा करने के लिये उन्हें पहली पारी में बड़ा स्कोर करना होगा. उन्होंने कहा, ‘हमारे लिये टॉस जीतना अच्छा रहा. दुर्भाग्य से वे मैच के पहले दिन से ही हम पर हावी रहे. हमारी बल्लेबाजी इकाई ने हमें निराश किया. हमें भारत के खिलाफ जीतने या पांच दिनों तक मैच में बने रहने के लिये कम से कम 350 रन बनने होंगे.
श्रीलंकाई कप्तान ने कहा, ‘हम यहां रणनीति के साथ आये थे. हमने खिलाड़ियों को कहा था कि अगर आपको शुरुआत मिलती है तो उसे बड़ी पारी में बदलना होगा लेकिन उन्होंने सिर्फ 50-60 रन बनाये और आउट हो गये. यह दुर्भाग्यशाली था लेकिन मैं आश्वस्त हूं कि वे इससे सीखेंगे.’ चांदीमल ने कहा कि एंजेलो मैथ्यूज जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों को अपना स्तर ऊंचा कर युवा खिलाड़ियों के लिये उदाहरण बनना होगा. उन्होंने कहा, ‘एंजेलो टीम के सबसे वरिष्ठ खिलाड़ी है और अगर वह स्कोर नहीं करते है तो टीम को नुकसान होता है. वरिष्ठ खिलाड़ी के तौर पर आपको प्रदर्शन करना होगा ताकि युवा उसका अनुसरण कर सकें. मैं आश्वस्त हूं कि वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे.’