नई दिल्ली: पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) का कहना है कि 18 जून से साउथैम्पटन में भारत और न्यूजीलैंड (IND vs NZ) के बीच खेले जाने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) फाइनल के दौरान सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (Rohit Sharma) का ट्रेंट बोल्ट (Trent Boult) की अंदर आती गेंदों को खेलना दिलचस्प मुकाबला होगा.


बोल्ट और रोहित में होगा कड़ा मुकाबला


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सहवाग (Virender Sehwag) को लगता है कि रोहित (Rohit Sharma) की काबिलियत और शीर्ष क्रम में उनकी हालिया फार्म को देखते हुए निश्चित रूप से वह इंग्लैंड में टेस्ट मैचों में सफलता हासिल करेंगे. सहवाग ने पीटीआई से कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि ट्रेंट बोल्ट और टिम साउदी की जोड़ी भारतीयों के लिए काफी चुनौतियां पेश करेगी. वे दोनों तरीकों से गेंद को मूव कर सकते हैं और साझेदारी में गेंदबाजी करते हुए भी काफी शानदार हैं.’


सहवाग देखना चाहते हैं मुकाबला 


सहवाग (Virender Sehwag) ने कहा, ‘मैं बोल्ट बनाम रोहित शर्मा के बीच मुकाबला देखना चाहूंगा. अगर रोहित क्रीज पर जम जाते हैं और बोल्ट के शुरूआती स्पैल को खेलते हैं तो इसे देखना अद्भुत होगा.’ रोहित के लिए इंग्लैंड के परिस्थितियों में पारी आगाज करने का पहला मौका होगा, हालांकि उन्हें 2014 में टेस्ट खेलने के अनुभव से निश्चित रूप से मदद मिलेगी.


सहवाग (Virender Sehwag) ने कहा, ‘रोहित शानदार बल्लेबाज हैं और वह पहले भी (2014) इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट खेल चुके हैं इसलिए मुझे लगता है कि वह काफी अच्छी तरह से गेंदबाजों का सामना करेंगे जैसा कि हमने हाल में देखा जब उन्होंने बल्लेबाजी का आगाज किया था. इसमें कोई शक नहीं कि वह इस बार इंग्लैंड में रन जुटाएंगे. निश्चित रूप से किसी भी सलामी बल्लेबाज की तरह उन्हें पहले 10 ओवरों में काफी सतर्क रहना होगा और परिस्थितियों को समझने के लिए नई गेंद को खेलना होगा. ये मुझे पूरा भरोसा है कि उन्हें अपने स्ट्रोक्स खेलने का मौका मिलेगा.’


पंत से भी है उम्मीद


रोहित (Rohit Sharma) के अलावा एक और खिलाड़ी है जो सहवाग की तरह शानदार बल्लेबाजी कर सकता है और वो है रिषभ पंत. सहवाग चाहते हैं कि पंत उसी तरह बल्लेबाजी करे जैसा वो करता है और उसे इंग्लैंड में सफल होने के लिए अपनी तकनीक और तरीके पर ज्यादा विश्लेषण में नहीं पड़ना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘ऋषभ पंत अपनी बल्लेबाजी को किसी अन्य से बेहतर जानता है और उसे इस चीज पर ज्यादा ध्यान नहीं लगाना चाहिए कि पूर्व क्रिकेटर, कमेंटेटर और मीडिया क्या कह रहे हैं और बल्कि वह जो चीज बेहतर कर सकता है, उसी पर ही ध्यान रखना चाहिए.’