Who is Sanjay Singh: भारतीय रेसलिंग में बीता दिन काफी सुर्खियों में रहा... रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के नए अध्यक्ष का ऐलान हुआ. पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को जिम्मेदारी दी गई. जैसे ही यह खबर सामने आई, इसके कुछ समय बाद ओलंपिक मेडलिस्ट रेसलर साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने ऐलान किया कि वह रेसलिंग से संन्यास ले रही हैं. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोते-रोते यह बात कही. आइए संजय सिंह के बारे में जानते हैं...


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साक्षी मलिक ने कुश्ती से लिया संन्यास


जैसे ही रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के नए अध्यक्ष संजय सिंह के नाम का ऐलान हुआ. इसके कुछ समय बाद ही भारतीय महिला पहलवान ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया. उन्होंने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोते-रोते ये फैसला किया. साक्षी ने कहा कि वह कुश्ती को त्याग रही हैं. साक्षी ने कहा, 'हमने दिल से लड़ाई लड़ी, लेकिन बृजभूषण जैसा आदमी, उसका बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया है तो मैं कुश्ती छोड़ती हूं. आज के बाद आप मुझे मैट पर नहीं देखोगे.'


बृजभूषण पर लगे थे यौन शोषण के आरोप 


बता दें कि संजय सिंह से पहले WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण थे. उन पर महिला पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे. उनके खिलाफ कई भारतीय पहलवानों ने धरना भी दिया था. साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया नए अध्यक्ष के नाम से खुश नहीं हैं. इन पहलवानों ने साल के शुरू में बृजभूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया था, जिन पर उन्होंने महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया था. यह मामला अदालत में चल रहा है.


बृजभूषण से है नाता


बता दें कि संजय सिंह बृजभूषण के करीबी हैं. रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के चुनाव में संजय सिंह और उनके पैनल ने अधिकांश पदों पर जीत दर्ज की है. 51 साल के संजय सिंह वाराणसी के रहने वाले हैं और बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं. वह उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के रहने वाले हैं. संजय सिंह पिछले डेढ़ दशक से भी ज्यादा समय से कुश्ती संघ से जुड़े हुए हैं. वह 2008 से ही वाराणसी कुश्ती संघ के जिला अध्यक्ष हैं. संजय सिंह को 2009 में प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया था.


अनीता श्योराण को हराकर बने अध्यक्ष 


कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट अनीता श्योराण का हराकर संजय सिंह रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के नए अध्यक्ष बने हैं. संजय सिंह को 40 वोट मिले, जबकि अनीता श्योराण के पक्ष में 7 वोट ही रहे. संजय सिंह और उनके पैनल को 15 में से 13 पदों पर जीत मिली. वहीं, अनीता श्योराण का पैनल जनरल सेक्रेटरी का पद जीतने में कामयाब रहा. प्रेम चंद लोचब ने दर्शन लाल को हरा यह पद जीता. प्रेमचंद लोचब को 27 वोट मिले, जबकि दर्शनलाल को 19 वोट मिले. संजय सिंह का कुश्ती से लगातार जुड़ाव रहा है. वह भारतीय कुश्ती संघ का नेतृत्व करने के लिए विदेश में भी दौरा कर चुके हैं. गौरतलब है कि कि पूर्वांचल की महिला पहलवानों को आगे लाने में संजय सिंह की अहम भूमिका रही है.


बृजभूषण ने कही ये बात 


पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण ने कहा, 'सभी पहलवानों को डब्ल्यूएफआई से समर्थन मिलेगा. कोई पक्षपात नहीं होगा. कई पहलवान, नए और स्थापित विरोध के पहले दिन (जनवरी 2023 में) धरने पर बैठे थे. इस आधार पर किसी को निशाना नहीं बनाया जाएगा. हमें खेल पर ध्यान देना है ना कि पहलवानों की गलतियों पर. अगर उन्हें अपनी गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ेगा तो महासंघ निष्पक्ष नहीं रहेगा.' यह पूछे जाने पर कि क्या वह महासंघ के दैनिक कामकाज में भूमिका निभाना जारी रखेंगे तो बृजभूषण ने कहा कि वह हस्तक्षेप नहीं करेंगे, लेकिन अगर उनकी मदद मांगी गई तो वह सुझाव देंगे. बृजभूषण ने कहा, 'वे कुश्ती को नियंत्रित करेंगे. अगर वे सुझाव लेना चाहते हैं तो मैं देने के लिए तैयार हूं. पैनल ने जो भी फैसला लिया है अगर वह कुश्ती की भलाई के लिए है तो हम उसे जारी रखेंगे.'