`पूरे देश को गर्व... जो हासिल किया उसके लिए सलाम`, महान मुरलीधरन के ये शब्द अश्विन हमेशा याद रखेंगे
दुनिया के सबसे महान बॉलर मुथैया मुरलीधरन ने रविचंद्रन अश्विन के रिटायरमेंट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अश्विन के बारे में कुछ ऐसा कहा जो यह भारतीय स्पिनर ताउम्र याद रखेगा.
Muralitharan reacts on Ashwin Retirement: दुनिया के सबसे महान बॉलर मुथैया मुरलीधरन ने रविचंद्रन अश्विन के रिटायरमेंट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अश्विन के बारे में कुछ ऐसा कहा जो यह भारतीय स्पिनर ताउम्र याद रखेगा. क्रिकेट इतिहास में सबसे सफल गेंदबाज, श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन ने भारत के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की प्रशंसा की और उन्हें महत्वाकांक्षी क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा बताया. बता दें कि अश्विन ने बुधवार (18 दिसंबर) को ब्रिस्बेन में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज के तीसरे टेस्ट के समापन के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया.
'उन्होंने जो हासिल किया उसके लिए सलाम'
अश्विन (537) ने अनिल कुंबले (619) के बाद भारत के लिए दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में अपने करियर को अलविदा कह दिया. मुरली ने कहा कि यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है. मुरलीधरन ने टेलीकॉम एशिया स्पोर्ट को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा, 'आपको याद होगा कि अश्विन ने अपने करियर की शुरुआत बल्लेबाज के तौर पर की थी और पार्ट-टाइम विकल्प के तौर पर स्पिन में हाथ आजमाया था. उन्हें जल्द ही एहसास हो गया कि उनकी बल्लेबाजी की आकांक्षाओं पर विराम लग चुका है. उन्होंने अपना ध्यान गेंदबाजी पर केंद्रित कर लिया. इस साहसिक कदम को उठाने और जो हासिल किया है, उसके लिए उन्हें सलाम. 500 टेस्ट विकेट तक पहुंचना कोई आसान काम नहीं है.'
'उन्होंने कड़ी मेहनत की'
मुरलीधरन ने 133 मैचों में 800 विकेट लेकर टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. उन्होंने अश्विन को उनके शुरुआती दिनों में देखा था और पाया था कि वह हमेशा सीखने के लिए उत्सुक एक चतुर युवा थे. टेलीकॉम एशिया स्पोर्ट ने मुरली के हवाले से कहा, 'जब वह मैदान में आए, तब मैं अपने करियर के अंतिम चरण में था, लेकिन मुझे लगा कि वह सीखने के लिए उत्सुक एक चतुर युवा थे. उन्होंने सलाह मांगी, सोच-समझकर सवाल पूछे और खुद को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की. उनकी यही लगन और भूख उन्हें दूसरों से अलग बनाती है.'
पूरे देश को गर्व - मुरलीधरन
537 टेस्ट विकेट के साथ अश्विन टेस्ट इतिहास में सातवें सबसे सफल गेंदबाज हैं और मुरली के बाद दूसरे सबसे सफल ऑफ स्पिनर हैं. मुरली ने कहा, 'टेस्ट में भारत के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में संन्यास लेना एक बड़ी उपलब्धि है. अश्विन ने खुद को, तमिलनाडु क्रिकेट को और पूरे देश को गौरवान्वित किया है. मैं उनकी दूसरी पारी में उनकी सफलता की कामना करता हूं.'
मुरली को इस बात ने प्रभावित किया कि अश्विन का सीखने का जुनून हमेशा मजबूत रहा. श्रीलंकाई दिग्गज ने कहा, 'जबकि उनका करियर खत्म हो रहा था, सीखने का उनका जुनून कभी कम नहीं हुआ. उन्होंने जो विविधताएं विकसित कीं. उन्हें देखें - यह इस बात का सबूत है कि वह अपनी उपलब्धियों से संतुष्ट नहीं थे. वह हमेशा आगे बढ़ते रहें.'