युवराज की तरह लड़ा 21 साल का बल्लेबाज, दिल में छेद के बाद हुई सर्जरी, वापसी करते ही काटा गदर
Ranji Trophy: युवराज सिंह, एक ऐसा नामी खिलाड़ी जिसने टीम इंडिया के लिए अपनी जान तक दांव पर लगा दी थी. साल 2011 वनडे वर्ल्ड कप जब युवराज अपनी चरम फॉर्म में थे. लेकिन बीच में कैंसर जैसी बीमारी उनके करियर में दीवार बनी. युवी ने लड़ाई जारी रखी और मौत के मुंह से निलकर टीम इंडिया में वापसी की. ऐसा ही एक प्लेयर घरेलू क्रिकेट में उबर रहा है.
Ranji Trophy: युवराज सिंह, एक ऐसा नामी खिलाड़ी जिसने टीम इंडिया के लिए अपनी जान तक दांव पर लगा दी थी. साल 2011 वनडे वर्ल्ड कप जब युवराज अपनी चरम फॉर्म में थे और गेंदबाजों में खौफ का इंजेक्शन लगा चुके थे. आज युवराज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. कैंसर जैसी बीमारी को मात देकर वापसी करने वाले युवराज कई युवा खिलाड़ियों के लिए मोटीवेशन साबित हुए. अब 21 साल के युवा यश ढुल की लाइफ में कुछ ऐसे ही मोड़ देखने को मिले हैं. हाल ही में पता चला की यश ढुल के दिल में छेद है. जिसके लिए उन्हें सर्जरी भी करानी पड़ी.
2022 में टीम इंडिया को बनाया था चैंपियन
यश ढुल उन खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने अंडर-19 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया को चैंपियन बनाया था. साल 2022 में यश ढुल की कप्तानी में भारतीय टीम ने खिताबी जीत दर्ज की थी. लेकिन अभी भी ढुल को भारतीय टीम में डेब्यू का इंतजार है. यश ढुल के अलावा महज उन्मुक्त चंद ऐसे कप्तान थे जिनके लिए टीम इंडिया में डेब्यू महज एक सपना रह गया. लेकिन यश ढुल ने दिल में छेद की सर्जरी के बाद दमदार वापसी की और चर्चा में आ चुके हैं.
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रणजी यश ढुल ने ठोका शतक
जुलाई के महीने में यश ढुल की सर्जरी हुई और अब वह रणजी में दिल्ली की टीम के लिए अपना योगदान दे रहे हैं. यश ढुल ने सर्जरी का असर अपने खेल पर नहीं पड़ने दिया. उन्होंने तमिलनाडु के खिलाफ मुकाबले में शानदार शतकीय पारी को अंजाम दिया है. हालांकि, दूसरी पारी में भी यश ढुल अच्छे टच में नजर आ रहे थे, लेकिन इस बार बदकिस्मती से 8 रन पर अपना विकेट गंवा बैठे.
तमिलनाडु ने खड़ा किया रनों का पहाड़
दिल्ली के खिलाफ तमिलनाडु की तरफ से बेहतरीन बल्लेबाजी देखने को मिली. दिल्ली की तरफ से यश ढुल ने नाबाद 105 रन की पारी खेली लेकिन अभी भी टीम काफी पिछड़ी नजर आ रही है. तमिलनाडु के सलामी बल्लेबाज साई सुदर्शन ने दिल्ली टीम के धागे खोल दिए. उन्होंने 213 रन बनाकर टीम को 674 के स्कोर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई.