Yuvraj Singh: भारतीय क्रिकेट टीम को मिलेगा नया मेंटोर? 2011 वर्ल्ड कप जिताने वाले दिग्गज की ख्वाहिश
Indian Cricket Team: वर्ल्ड कप 2011 में भारत को विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने मेंटोर बनने की इच्छा जाहिर की है. इस दिग्गज ने वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल में मिली हार के बाद यह बयान दिया है.
Yuvraj Singh Statement: वर्ल्ड कप विजेता भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह ने संकेत दिया कि वह भारतीय क्रिकेट टीम को आने वाली चुनौतियों के लिए मानसिक रूप से तैयार करने के लिए भविष्य में 'मेंटोर' की भूमिका निभाना पसंद करेंगे. भारत पिछले साल आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2023 वर्ल्ड कप फाइनल में हार गया, जिससे आईसीसी ट्राफी जीतने का टीम का इंतजार और बढ़ गया. भारत ने 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चैम्पियंस ट्राफी जीती थी, जबकि पिछली वर्ल्ड कप जीत 2011 में मिली थी. यह भी धोनी की ही कप्तानी में भारत ने अपने नाम किया था.
युवराज सिंह ने दिया बयान
युवराज ने यहां 'युवराज सेंटर ऑफ एक्सीलें' के उद्घाटन के दौरान कहा, 'मुझे लगता है कि हमने काफी फाइनल खेले, लेकिन एक भी नहीं जीता. 2017 में मैं एक फाइनल का हिस्सा रहा, जिसमें हम पाकिस्तान से हार गए थे.' उन्होंने आगे कहा, 'आगामी वर्षों में हमें निश्चित रूप से इस पर काम करना होगा. बतौर देश और भारतीय टीम के तौर पर दबाव में बेहतर प्रदर्शन करना होगा.'
'मानसिक रूप से मजबूत होने की जरूरत'
युवराज सिंह ने खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत होने की बात कही. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि कुछ चीज की कमी है. जब कोई बड़ा मैच होता है तो हम शारीरिक रूप से तैयार होते हैं, लेकिन मानसिक रूप से हमें मजबूत होने की जरूरत है.' इस दिग्गज क्रिकेटर ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करना, उन्हें सिखाना कि दबाव कैसे झेलते हुए अपना खेल दिखाएं. यह चुनौती रही है. हमारे पास मैच होते हैं और खिलाड़ी जो दबाव में बल्लेबाजी कर सकें, लेकिन पूरी टीम को ऐसा करना चाहिए. एक या दो खिलाड़ियों को नहीं.'
'मैं मार्गदर्शन करने के लिए तैयार'
2011 वर्ल्ड कप जीतने में टीम इंडिया के लिए अहम भूमिका निभाने वाले इस ऑलराउंडर ने कहा, 'मैं मार्गदर्शन करना पसंद करूंगा. आगामी वर्षों में जब मेरे बच्चे बड़े हो जाएंगे. मैं क्रिकेट को वापस देना चाहूंगा और युवाओं को बेहतर होने में मदद करना चाहूंगा. मुझे लगता है कि हम बड़े टूर्नामेंट में काफी मानसिक चुनौतियों का सामना करते हैं. मेरा मानना है कि मानसिक पहलू में मैं भविष्य में इन खिलाड़ियों के साथ काम कर सकता हूं. मुझे लगता है कि मैं इसमें योगदान दे सकता हूं. विशेषकर मध्यक्रम में.'
(एजेंसी इनपुट के साथ)