Gymnast Dipa Karmakar: स्टार जिम्नास्टिक खिलाड़ी दीपा कर्माकर पर इंटरनेशनल टेस्टिंग एजेंसी (ITA) द्वारा कराए गए डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बाद 21 महीने का प्रतिबंध लगा दिया गया है. पिछले साल भारतीय अधिकारियों द्वारा किया गया यह दावा कि उसका निलंबन डोपिंग संबंधित नहीं है, गलत साबित हुआ. 


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लग गया 21 महीने का प्रतिबंध 


दीपा कर्माकर के डोप नमूने ITA द्वारा प्रतिस्पर्धा से इतर लिए गए. आईटीए इंटरनेशनल जिम्नास्टिक महासंघ (FIG) के डोपिंग निरोधक कार्यक्रम का जिम्मा संभालने वाली स्वतंत्र एजेंसी है. कर्माकर का प्रतिबंध इस साल दस जुलाई को खत्म होगा, क्योंकि उसके नमूने 11 अक्टूबर 2021 को लिए गए थे.


ITA ने दिया ये बयान  


आईटीए ने एक बयान में कहा, ‘आईटीए इसकी पुष्टि करता है कि दीपा कर्माकर पर 21 महीने का प्रतिबंध लगाया गया था, जो 10 जुलाई 2023 को खत्म होगा. वह हिजेनामाइन के सेवन की दोषी पाई गई थी जो विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी की प्रतिबंधित सूची में है.’


ITA ने आगे कहा कि कर्माकर का डोप मसला एफआईजी के डोपिंग निरोधक नियमों और वाडा के प्रावधानों के तहत निपटा लिया गया था. 


रियो ओलंपिक में किया था कमाल 


रियो ओलंपिक 2016 में वॉल्ट में चौथे स्थान पर रहीं दीपा कर्माकर 2017 में सर्जरी के बाद से चोटों से जूझ रही हैं. उनका आखिरी टूर्नामेंट बाकू में 2019 विश्व कप था. 


दीपा कर्माकर और उनके कोच बिशेश्वर नंदी ने उस समय डोप निलंबन के बारे में चुप्पी साधे रखी. भारतीय जिम्नास्टिक महासंघ के अध्यक्ष सुधीर मित्तल ने भी कहा था कि उन्हें इस संबंध में एफआईजी से कोई सूचना नहीं मिली है. अधिकारियों ने यह तक कहा था कि उसे अनुशासन कारणों से निलंबित किया गया है, डोपिंग की वजह से नहीं. 


(इनपुट: भाषा)


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