नई दिल्ली : मुख्य राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने शुक्रवार को कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द सुनिश्चित करने के लिये खेलों से बेहतर कुछ भी नहीं हो सकता। पूर्व ऑल इंग्लैंड चैंपियन ने कहा, ‘सांप्रदायिक सौहार्द के लिये खेलों से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। खेल जितनी एकता ला सकते हैं उतना कोई और नहीं।’ 


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उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जबकि देश में 'सहिष्णुता' को लेकर बहस छिड़ी हुई है। गोपीचंदन ने यहां आठवीं अखिल भारतीय पुलिस बैडमिंटन चैंपियनशिप के समापन के अवसर पर अफसोस भी जताया कि खिलाड़ियों को नौकरी और सही समय पर पदोन्नति नहीं मिलती और यह बच्चों का खेलों को अपने करियर के रूप में नहीं अपनाने का प्रमुख कारण है।