नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने कबड्डी विश्व कप (Kabbadi World Cup) में हिस्सा लेने के लिए भारतीय टीम के पाकिस्तान (Pakistan) पहुंचने पर हैरानी जताई है. आईओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा (Narinder Batra) ने सोमवार को कहा कि जो लोग शनिवार को लाहौर पहुंचे हैं, वे देश के अधिकारी नहीं हैं. वे अपने बैनर तले ‘भारत’ (India) शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. वे एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया (एकेएफआई) द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नरेंद्र बत्रा ने कहा, ‘आईओए (Indian Olympic Association) ने उन्हें अपनी मंजूरी नहीं दी है और ना ही महासंघ ने उन्हें मंजूरी दी है. इसलिए मुझे नहीं पता कि कौन गए हैं. पता नहीं 60 गए हैं या 100 लोग. मुझे कुछ नहीं पता. कबड्डी फेडरेशन, जो आईओए (IOA) का सदस्य है, उसने हमसे पुष्टि की है कि उन्होंने किसी को नहीं भेजा है. मैंने खेल मंत्रालय का बयान पढ़ा है जिसमें भी पुष्टि की गई है कि उन्होंने किसी को इसकी मंजूरी नहीं दी है. इसलिए मुझे नहीं पता कि वे कौन है और क्या कहानी है.’

यह भी पढ़ें: U-19 World Cup जीतने के 24 घंटे के भीतर लगा बांग्लादेश को झटका, पाकिस्तान से हारा

भारतीय टीम वाघा सीमा के रास्ते लाहौर पहुंची. पाकिस्तान में पहली बार कबड्डी विश्व कप (Kabbadi World Championship) का आयोजन हो रहा है. इसमें भारत समेत 10 देशों की टीमें हिस्सा ले रही हैं. बत्रा ने कहा, ‘जब तक हमारे सदस्य इकाई इसे मंजूरी नहीं देते तब तक वे ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते. इसके लिए आपको आईओए और सरकार से अनुमति लेनी होगी, तभी आप उस शब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं. भारतीय पासपोर्ट वाले कुछ लोग भारत के रूप में वहां जाते हैं और खेलते हैं. लेकिन मैं पाकिस्तान के बारे में कुछ नहीं कह सकता, यह मेरे अधिकार से बाहर है.’


विदेश में होने वाले टूर्नामेंटों में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय महासंघों को खेल मंत्रालय से इजाजत लेने की जरूरत होती है. खेल मंत्रालय फिर इसके लिए गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से अनुमति मांगता है. इस बीच, एकेएफआई के प्रशासक जस्टिस (रिटायर्ड हर्ट) एपसी गर्ग ने कहा है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि कोई टीम पाकिस्तान गई है. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘किसी भी टीम ने पाकिस्तान जाने और वहां कबड्डी मैच खेलने के लिए एकेएफआई से अनुमति नहीं ली है. एकेएफआई ऐसे कामों के लिए समर्थन नहीं करता है। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.’