कोलंबो : श्रीलंका के खिलाफ एतिहासिक श्रृंखला जीतने के दौरान भारत की कप्तानी करने वाले विराट कोहली की सराहना करते हुए महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने मंगलवार को कहा कि इस युवा कप्तान ने अपने बेहद सक्रिय रवैये से बेजोड़ नेतृत्व क्षमता के शुरूआती संकेत दिए हैं।


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भारत ने श्रीलंका को एसएससी में तीसरे और अंतिम टेस्ट में 117 रन से हराकर इस देश में 1993 के बाद पहली श्रृंखला जीती। कोहली ने कप्तान के रूप में पहली श्रृंखला जीती है और कप्तान ने जिस तरह टीम को संभाला उससे गावस्कर संतुष्ट हैं।


गावस्कर ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘वह बेहद सक्रिय टेस्ट कप्तान हैं जो बेहद महत्वपूर्ण है। वह चीजों को करने की योजना बनाता है और कभी कभी ऐसा नहीं होता क्योंकि यह खेल की प्रकृति है। लेकिन आप देख सकते हैं कि इस दौरान जब वह गेंदबाजी में बदलाव करता है, आप उसके क्षेत्ररक्षण सजाने के तरीके में देख सकते हैं, वह कुछ करने की कोशिश करता रहता है, एक भी लम्हा ऐसा नहीं आता जब वह मैच को अपनी पहुंच से बाहर जाने दे।’


उन्होंने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण चीज है। वह कुछ करने की कोशिश करता रहता है जिससे कि विरोधी टीम हताश हो और वह मजबूत स्थिति में आए और यह बेहद फायदे की स्थिति है। बेशक जब मजबूत टीमों के खिलाफ खेल रहे हो तो आसानी से सफलता नहीं मिलती और तब परीक्षा होती है लेकिन शुरूआत संकेत काफी उत्साहजनक हैं।’


इस बीच गावस्कर ने मैदान पर अनावश्यक आक्रामकता दिखाने के लिए तेज गेंदबाज इशांत शर्मा को सीख भी दी जिन्होंने मैच में आठ विकेट चटकाए। उन्होंने कहा, ‘गुस्से वाला तेज गेंदबाज जरूरी है क्योंकि वह आकर पूरी जान लगाकर गेंदबाजी करता है और अपना सब कुछ झोंक देता है। बल्लेबाज को आउट करने का लक्ष्य पूरा होने के बाद उसे अपनी आक्रामकता को नियंत्रित कर देना चाहिए। नाराजगी की जगह जश्न को ले लेनी चाहिए। नाराजगी इतनी नहीं बढ़ी चाहिए की भद्दी स्थिति पैदा हो जाए। अगर यह संतुलन बनाए रखा गया तो गुस्से वाला तेज गेंदबाज होने में कोई परेशानी नहीं है।’