Major Dhyanchand Son, Ashok Kumar : भारत के महानतम हॉकी प्लेयर मेजर ध्यानचंद (Major Dhyanchand) की आज जयंती है. 29 अगस्त 1905 को यूपी के प्रयागराज (तब इलाहाबाद) में जन्मे ध्यानचंद ने भारत को कई बार खिताब दिलाए. ओलिंपक में भारत का परचम लहराया. यही वजह है कि भारतीय हॉकी में ध्यानचंद का नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है. उनकी जयंती को देश में नेशनल स्पोर्ट्स डे (National Sports Day) के तौर पर मनाया जाता है. ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार भी किसी से कम नहीं हैं. वह भी वर्ल्ड चैंपियन हैं. 


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1975 में भारत बना वर्ल्ड चैंपियन


मेजर ध्यानचंद ने 1936 में बर्लिन ओलंपिक (Berlin Olympics) में दमदार प्रदर्शन करते हुए चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया. इसके 40 साल बाद यानी 1975 में भारत पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बना और उसने हॉकी वर्ल्ड कप जीता. इस टीम में शामिल एक खिलाड़ी ने कमाल का खेल दिखाया जिनका नाम अशोक कुमार है. अशोक ही मेजर ध्यानचंद के बेटे हैं जिनकी गिनती देश के दिग्गज हॉकी प्लेयर्स में होती है.


पाकिस्तान के खिलाफ मिली जीत


अशोक कुमार ने साल 1975 के वर्ल्ड कप फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ विजयी गोल दागा. इस गोल के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता है और रखा भी जाएगा. अशोक कुमार ने 4 बार वर्ल्ड कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया. अशोक कुमार ने भारत के लिए पहला वर्ल्ड कप 1971 में खेला जिसमें भारत ने ब्रॉन्ज जीता. 1973 के एम्सटडर्म ओलंपिक में भारत ने सिल्वर हासिल किया जबकि 1975 के वर्ल्ड कप फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया.


अशोक ने दागा विजयी गोल


वर्ल्ड कप फाइनल में भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला 1-1 से बराबरी पर था. उस मौके पर सुरजीत सिंह के पास पर अशोक कुमार ने गोल करने की कोशिश की लेकिन गेंद गोलपोस्ट से टकराकर वापस आ गई. अशोक कुमार ने पलक झपकते ही दूसरी कोशिश में गेंद को गोलपोस्ट के अंदर पहुंचा दिया. भारत ने यादगार जीत दर्ज की. 1975 की वर्ल्ड कप जीत के बाद अशोक कुमार 1978 में अर्जेंटीना में हुए वर्ल्ड कप में आखिरी बार भारत के लिए खेले लेकिन उसमें भारतीय टीम छठे स्थान पर रही.


कई बड़े टूर्नामेंट में खेले अशोक


अशोक कुमार भारत के लिए कई बड़े टूर्नामेंट में खेले. उन्होंने तीन एशियन गेम्स (1970, 1974 और 1978) में भारत का प्रतिनिधित्व किया. तीनों ही बार भारत ने सिल्वर मेडल हासिल किया. वह दो बार ओलंपिक गेम्स में भी भारतीय टीम का हिस्सा रहे. भारत ने 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में ब्रॉन्ज, 1976 के मॉन्ट्रियल ओलंपिक में छठा स्थान हासिल किया. अशोक का जन्म 1 जून 1950 को यूपी के मेरठ में हुआ था. वह मोहन बागान और इंडियन एयरलाइंस की तरफ से भी खेले. हॉकी में उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें साल 1974 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.