नई दिल्ली : भारत को इस बार दांबुला से ही वनडे सीरीज की शुरुआत करनी है. 20 अगस्त को सीरीज का पहला मैच यहां खेला जाएगा. टीम इंडिया विराट के नेतृत्व में यहां पहुंच चुकी है और मैच की तैयारियों के लिए जमकर अभ्यास कर रही है. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और मौजूदा विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी भी वनडे सीरीज के लिए श्रीलंका पहुंच चुके हैं, लेकिन वहां पहुंचने से पहले उन्होंने बेंगलुरु की नेशनल क्रिकेट एकेडमी में लेवल 3 के कोचिंग प्रोग्राम के सदस्यों को कामयाबी का सूत्र दिया. 


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महेंद्र सिंह धोनी ने कहा, ‘अच्छी टीमों और अच्छे खिलाड़ियों के खिलाफ खेलने से मुझे काफी फायदा हुआ. मेरे अंदर रन बनाने की भूख थी, ये सोचे बिना कि आप किस स्तर पर खेल रहे हो.’


धोनी ने कहा, ‘तकनीक बहुत जरूरी है. इस वक्त तकनीक आपकी मदद करती हैं. वीडियो सबसे अच्छा उदाहरण है. जब आप बल्लेबाजी कर रहे होते हैं तो आपका कोच बताता है कि आपका सिर एक ओर ज्यादा झुक रहा है, उस वक्त आपको समझ नहीं आता लेकिन जब आप वीडियो देखते हो तो आप खुद बोलते हो कि मेरा सिर एक ओर ज्यादा झुका हुआ है.’


एम एस धोनी ने कोचिंग प्रोग्राम के सदस्यों को अपनी कमजोरियों को मानने और उस पर काम करने की सलाह दी. धोनी ने कहा, ‘भारत में देखें तो कुछ चीजें हैं जिनका हमें ध्यान रखने की जरूरत है. हम अपनी कमजोरी नहीं दिखाना चाहते. चाहे आप जानते हों कि आपको दिक्कत हो रही है लेकिन हम उसे मानते नहीं हैं. अगर आप मानोगे नहीं तो कमजोरी सुधरेगी नहीं. आपको अपनी कमजोरी का सामना कर उससे उबरने का दम होना चाहिए.’


धोनी ने आगे कहा, ‘चीजों को सहज बनाए रखना चाहिए. आगे की सोच रखनी चाहिए. पता होना चाहिए कि आपको आगे कौन-कौन सी चुनौतियां मिल सकती हैं, उसका हल ढूंढने की कोशिश करें. कुछ टीमों के लिए स्लेजिंग बहुत जरूरी है और कुछ टीमों के लिए जरूरी मुद्दों को पकड़ना जरूरी है. आपको दबाव बनाने के लिए किसी को गाली देने की जरूरत नहीं है.’



एम एस धोनी ने रोहित शर्मा का उदाहरण देते हुए कहा कि कभी-कभी कामयाबी के लिए हटकर सोचना पड़ता है. धोनी ने बयान दिया, ‘हमें ये देखना चाहिए कि दूसरे लोग क्या नहीं देख पा रहे हैं. रोहित शर्मा इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं. रोहित शर्मा ने ओपनिंग करने की चुनौती स्वीकार की और वो वनडे क्रिकेट के सबसे अच्छे ओपनर्स में से एक हैं. कभी-कभी कामयाबी के लिए आपको हट कर सोचना पड़ता है. मुझे लगा कि इस खिलाड़ी के अंदर टैलेंट है और वो उसे ओपनिंग पर दिखा सकता है और मैं वो करूंगा. अगर आप सीरीज में लगातार 3-4 मैच हार जाएं तो आपको टीम में बदलाव करना ही पड़ता है. तभी तो आपको अपनी बेंच स्ट्रेंथ का पता चलेगा. जो खिलाड़ी बेंच पर बैठा है उसमें विश्वास भरना भी जरूरी है.