नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान की प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है. ये दोनों देश जब खेल के मैदान पर आमने-सामने होते हैं, तो रोमांच चरम पर होता है. इन दोनों देश का मैच देखने के लिए लोग काम-काज बंद कर देते हैं. सड़कें सूनी हो जाती हैं. अगर सबकुछ ठीक रहा, तो हॉकी वर्ल्ड कप में भी इन दोनों देशों की भिड़ंत देखने को मिल सकती है. हालांकि, ऐसा तभी होगा, जब ये दोनों टीमें अपने ग्रुप मुकाबले से आगे निकलकर नॉकआउट राउंड में जगह बनाएंगी. इस संभावित मैच से पहले पाकिस्तानी हॉकी के दिग्गज हसन सरदार ने मैदान के किस्सों को साझा किया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भुवनेश्वर में चल रहे हॉकी विश्व कप में भारतीय टीम ग्रुप सी में है. वह अपने पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका को हरा चुका है. पाकिस्तानी टीम को ग्रुप डी में रखा गया है. उसका पहला मुकाबला शनिवार (1 दिसंबर)  को जर्मनी से होगा. पाकिस्तान टीम के साथ आए हसन सरदार ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा, ‘यह मैच आसान नहीं होगा. पाकिस्तान की टीम सबसे मुश्किल ग्रुप में है.’ उन्होंने कहा कि वे इससे पहले 1982 के विश्व कप के दौरान भारत आए थे. तब पाकिस्तान की टीम का दुनियाभर में दबदबा था. साथ ही, पाकिस्तानी टीम को हर देश में सम्मान मिलता था. 

यह भी पढ़ें: हॉकी वर्ल्ड कप: पाकिस्तान के कप्तान ने कहा- भारत में मैच ही नहीं, दिल भी जीतेंगे


भारत के पिछले दौरे को याद करते हुए हसन सरदार ने बताया कि उन्हें पाकिस्तान या किसी और देश से ज्यादा सम्मान भारत में मिला. मैदान पर प्रतिद्वंद्विता के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘हम मैदान के बाहर भले ही दोस्त हों, लेकिन नेशनल जर्सी पहनने के बाद चीजें बदल जाती थीं. अगर हम किसी खिलाड़ी को नहीं रोक पाते थे तो एकदूसरे से कहते थे कि मारो. हमारा एक उसूल था, या तो बंदा जाएगा या बॉल.’


हसन सरदार ने भारतीय फुलबैक सुरजीत सिंह और विनीत कुमार से झगड़ों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘मुझे सुरजीत का खेल बहुत पसंद था. मैं उन्हें भाई जैसा मानता था. वे अक्सर मुझे पछाड़ देते थे, तब मैं दूसरा तरीका अपनाता था. मैच के बाद मैं उनसे माफी मांग लेता था.’ पाकिस्तानी दिगगज ने ऐसा ही एक किस्सा विनीत के बारे में सुनाया. उन्होंने कहा, ‘एक मैच में मेरे और विनीत के बीच कड़ा संघर्ष चल रहा था. खेल का यह संघर्ष जल्दी ही लड़ाई में तब्दील हो गया. अंपायर बीच-बचाव करने आया तो मैं चोट का नाटक कर जमीन पर लेट गया. इसके बाद एमएम सोमैया ने हमारा झगड़ा खत्म कराया.