Paralympic 2024:  पैरालिंपिक में भारत के एथलीट गुच्छों में मेडल जीतते नजर आ रहे हैं. आधी रात भारत के लिए गुड न्यूज देखने को मिल रही है. तीरंदाज हरविंदर सिंह ने गोल्ड मेडल जीतकर भारत की मेडल टैली में एक और चांद लगा दिया है. हरविंदर ने तीरंदाजी के फाइनल में पोलैंड के लुकाज सिजेक  को बेहतरीन अंदाज में टक्कर दी. उन्होंने पोलैंड के खिलाड़ी को 6-0 से माद देकर गोल्ड पर कब्जा किया है. 


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भारत के खाते हुए 22 मेडल


भारत के खाते अब 22 मेडल हो चुके हैं. जिसमें 4 गोल्ड, 8 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल हैं. पैरालंपिक के इतिहास में यह पहली बार है जब भारत ने तीरंदाजी में गोल्ड मेडल जीता है. हरविंदर ने पहले चीनी ताइपे के सेंग लुंग हुई को 7-3 से मात दी थी. इसके बाद प्री क्वार्टरफाइनल में इंडोनेशिया के सेतियावान सेतियावान को 6-2 को हरा दिया. क्वार्टरफाइनल में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने कोलंबिया के हेक्टर जूलियो रमीरेज को 6-2 से मात दी. सेमीफाइनल में जीत का सिलसिला हरविंदर ने बरकरार रखा और ईरान के मोहम्मद रेजा अरब अमेरी को 7-3 को मात देकर फाइनल में एंट्री की. 


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हरविंदर को इंजेक्शन का हुआ था रिएक्शन


हरविंदर हरियाणा के अजीत नगर के किसान परिवार से आते हैं. बचपन में उन्हें डेंगू हुआ और इसके उपचार के लिए उन्हें इंजेक्शन लगाए गए थे. दुर्भाग्य से इन इंजेक्शन के रिएक्शन से उनके पैरों की गतिशीलता चली गई. काफी स्ट्रगल के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और तीरंदाजी में आ गए. साल 2017 में हरविंदर पैरा तीरंदाजी विश्व चैम्पियनशिप में पदार्पण में सातवें स्थान पर रहे थे.


खेत में की तीरंदाजी


हरविंदर की इस उपलब्धि में उनके पिता का बड़ा हाथ है. 2018 में हरविंदर ने जकार्ता एशियाई पैरा खेलों गोल्ड जीता था. इसके बाद कोविड-19 महामारी के चलते लॉकडाउन लगा. लेकिन उनके  पिता ने अपने खेत में तीरंदाजी रेंज बना दी थी. अब वो मेहनत रंग लाई और गोल्ड मेडल जीतकर पेरिस में उन्होंने भारत का परचम लहरा दिया है.