शतरंज के वर्ल्ड चैम्पियन को हराने वाले 16 साल के इस बच्चे का बड़ा खुलासा, बताया कैसे किया ये कमाल
चेन्नई के युवा ग्रैंडमास्टर आर. प्रागनानंदा ने अपनी कामयाबी के बाद अपने अनुभव साझा किए हैं. आर. प्रागनानंदा का कहना है कि उन्होंने कार्लसन के साथ इस मुकाबले के लिए बहुत मेहनत की थी.
नई दिल्ली: दुनिया के नंबर 1 शतरंज के दिग्गज मैग्नस कार्लसन को हराने के बाद भारत के 16 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी आर. प्रागनानंदा काफी चर्चा में हैं. चेन्नई के युवा ग्रैंडमास्टर आर. प्रागनानंदा ने अपनी कामयाबी के बाद जी मीडिया के साथ अपने अनुभव साझा किए हैं. आर. प्रागनानंदा का कहना है कि उन्होंने कार्लसन के साथ इस मुकाबले के लिए बहुत मेहनत की थी. आर. प्रागनानंदा ने कहा, 'मैंने खुद को तैयार करने के लिए पिछले 10 दिनों तक रात के 3 बजे तक जागकर लगातार प्रैक्टिस की है. यह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण टूर्नामेंट था.' बता दें कि प्रागननंदा ने 39 चाल में नॉर्वे के कार्लसन को मात दी थी. 31 साल के कार्लसन वर्ल्ड चैंपियन हैं.
16 साल के इस ग्रैंडमास्टर का बड़ा खुलासा
प्रागनानंदा ने कहा, 'जब मेरा सामना दुनिया के नंबर 1 शतरंज के दिग्गज मैग्नस कार्लसन के साथ होना था तो उसे लेकर मैं बहुत उत्साहित था. जब मैंने वर्ल्ड चैम्पियन मैग्नस कार्लसन के खिलाफ मुकाबला जीता, तो मैं बेहद खुश था. यह मुझे बहुत बड़ा आत्मविश्वास देता है.' मैगनस कार्लसन के खिलाफ जीत के बाद प्रागननंदा ने कहा, 'निश्चित रूप से मेरी अब तक की सबसे बेहतरीन जीत में से एक है. मैग्नस कार्लसन को हराने से किसी भी खिलाड़ी में आत्मविश्वास आएगा और मैं अलग नहीं हूं. मैग्नस कार्लसन की क्षमता जैसे खिलाड़ी के खिलाफ आप कभी आराम नहीं कर सकते. मैं बढ़त को जाने नहीं देना चाहता था और खुश हूं कि नतीजा मेरा पक्ष में आया.'
कैसे वर्ल्ड चैम्पियन मैग्नस कार्लसन को हराया?
आर प्रागननंदा ने ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट एयरथिंग्स मास्टर्स के 8वें दौर में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को हरा दिया. प्रागननंदा ने काले मोहरों से खेलते हुए कार्लसन को 39 चाल में हराया. उन्होंने इस तरह से कार्लसन के विजय अभियान पर भी रोक लगाई, जिन्होंने इससे पहले लगातार 3 बाजियां जीती थी. इस मैच के पहले रविवार को प्रागननंदा ने एक्टिव खिलाड़ियों में छठे रैंक के लेवोन अरोनियन को हराया था. लेवोन के खिलाफ मैच के बारे में लंबे समय से प्रागननंदा के कोच रहे आरबी रमेश ने कहा, 'प्रग्गु ने लेवोन की पूरी तरह कुचल दिया. वह ऐसा मैच था, जिसमें प्रग्गु शुरुआत से ही जीत हासिल कर रहा था. उनसे आगे के मैच में उस आत्मविश्वास का फायदा मिला.' विश्वनाथन आनंद ने उनकी जीत पर कहा, 'प्रग्गु के लिए पिछले महीने विज्क आन जी में शुरुआत अच्छी नहीं थी, लेकिन उन्होंने अंतिम दिन आंड्रेय इसिपेंको को हराया था. एयरथिंग्स मास्टर्स के पहले दिन भी उनकी लिए चीजें आसान नहीं थीं, लेकिन उन्होंने मजबूती से वापसी की.'
कार्लसन के खिलाफ जीत से आत्मविश्वास काफी बढ़ा
चेन्नई के प्रगाननंदा ने 2018 में प्रतिष्ठित ग्रैंडमास्टर खिताब हासिल किया. वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के सबसे कम उम्र के और उस समय दुनिया में दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे. प्रगाननंदा सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर की सर्वकालिक सूची में पांचवें स्थान पर हैं. इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि भारत के दिग्गज शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आंनद ने उनका मार्गदर्शन किया. ग्रैंडमास्टर बनने के बाद से प्रगाननंदा ने लगातार प्रगति की लेकिन इसके बाद कोविड-19 महामारी के कारण टूर्नामेंट रुक गए. स्वयं ग्रैंडमास्टर और प्रगाननंदा के कोच आरबी रमेश का मानना है कि टूर्नामेंट के बीच लंबे ब्रेक से संभवत: उनका आत्मविश्वास प्रभावित हुआ लेकिन एयरथिंग्स मास्टर्स आनलाइन प्रतियोगिता में कार्लसन के खिलाफ जीत से उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ा होगा.