नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पहलवान दीपक पूनिया (Deepak Punia) का सपना टूट गया है. दीपक पुनिया कोपुरुष फ्रीस्टाइल 86 किग्रा भार वर्ग के कांस्य पदक मुकाबले में सैन मरिनो के माइल्स अमीन के हाथों 2-4 से हार का सामना करना पड़ा.


टूटा दीपक पूनिया का सपना


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दीपक को बुधवार को सेमीफाइनल मुकाबले में अमेरिका के डेविड टेलर के हाथों हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन दीपक से कांस्य पदक जीतने की उम्मीद थी. हालांकि, इस हार के साथ ही उनसे कांस्य लाने की उम्मीद भी टूट गई. कांस्य पदक के मुकाबले में दीपक ने पहले पीरियड में शुरूआती दो अंक जुटाए लेकिन अमीन ने भी एक अंक हासिल किया. इसके साथ ही दीपक पहले पीरियड में अमीन पर भारी रहे और उन्होंने 2-1 की बढ़त ली.


दूसरे पीरियड में अमीन ने वापसी कर दो अंक जुटाकर 3-2 की बढ़त बनाई। इसके बाद उन्होंने फिर दीपक को चित्त कर एक अंक बटोरा और 4-2 की बढ़त लेकर मुकाबले को जीत कांस्य पदक हासिल किया. दीपक अपनी शुरूआती बढ़त को बरकरार नहीं रख सके और उनका टोक्यो ओलंपिक में सफर यहीं समाप्त हो गया.


भारतीय पहलवान दीपक पूनिया ने टोक्यो ओलंपिक के पुरुष फ्रीस्टाइल कुश्ती 86 किग्रा वर्ग के पहले दौर में नाइजीरिया के रेसलर एकरेकेम एगियोमोर को 12-1 से हराकर क्वार्टर फाइनल में धमाकेदार एंट्री कर ली थी. दीपक इस पूरे मुकाबले में नाइजीरिया के रेसलर पर हावी रहे. दीपक ने पहले राउंड में 4 और दूसरे राउंड में 8 अंक बटोरे. दीपक पूनिया (Deepak Punia) का क्वार्टर फाइनल मुकाबला चीन के पहलवान जुशेन लिन से होगा.


दीपक पूनिया ने पहले राउंड में 3-1 की बढ़त लेने के बाद दूसरे राउंड में नाइजिरिया के पहलवान को एक भी अंक अपने खिलाफ नहीं लेने दिया.


रवि कुमार दहिया ने जीता सिल्वर


टोक्यो ओलंपिक में भारत के पहलवान रवि कुमार दहिया (Ravi Dahiya) ने कमाल कर दिया. हरियाणा के रवि ने कुश्ती के 57 किग्रा वर्ग में देश के लिए सिल्वर मेडल जीता. फाइनल मुकाबले के पहले पीरियड में उगयेव ने दो अंक लिए. लेकिन रवि ने तुरंत वापसी की और दो अंक बटोर स्कोर बराकर किया. हालांकि, फिर उगयेव ने दो अंक लेकर 4-2 की बढ़त ली.इसके बाद दूसरे पीरियरड में भी उगयेव ने एक अंक लिए. फिर उगयेव ने दो और अंक हासिल कर स्कोर 7-2 कर दिया. हालांकि, रवि ने एक बार फिर वापसी की और दो अंक बटोर फासला कम कर लिया. लेकिन उनकी यह कोशिश मुकाबला जीतने के लिए काफी नहीं रही और उन्हें इस हार के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा.