नई दिल्ली: विराट कोहली ने वनडे और टी-20 में कप्तानी की कमान संभालने के बाद इंग्‍लैंड के खिलाफ सीरीज से पहले कहा था कि डिसीजन रिव्‍यू सिस्‍टम (डीआरएस) के लिए वह महेंद्र सिंह धोनी के भरोसे रहेंगे। कोलकाता वनडे में विराट कोहली ने जल्दबाजी में महेंद्र सिंह धोनी से बिना पूछे डीआरएस का फैसला ले लिया। लेकिन डीआरएस फैसले में भी इंग्लैंड के बल्लेबाज आउट नहीं थे और उन्हें नॉट आउट करार दिया गया। गौर हो कि डीआरएस रिव्यू को लेकर पुणे और कोलकाता वनडे में धोनी की बुद्धिमत्‍ता काम आई थी।



COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल विराट कोहली ने कोलकाता वनडे में ने धोनी से सलाह-मशविरा किए बिना डीआरएस ले लिया था। इससे भारत का रिव्‍यू बेकार चला गया। गौर हो कि एक पारी में एक ही रिव्‍यू मिलता है। कोलकाता मैच में इंग्‍लैंड पारी के 28वें ओवर के दौरान कोहली ने डीआरएस लिया। जसप्रीत बुमराह की दूसरी गेंद पर भारतीय खिलाड़ियों ने इंग्‍लैंड के कप्‍तान इयॉन मॉर्गन के खिलाफ कैच की अपील की। धोनी और बुमराह ने काफी देर तक अपील की। लेकिन अंपायर ने इसे ठुकरा दिया।



इसके बाद विराट ने डीआरएस ले लिया। इस दौरान धोनी उन्‍हें रोकते हुए भी दिखाई दिए लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। शायद कोहली को धोनी और बुमराह की अपील से प्रोत्‍साहन मिला। लेकिन डीआरएस में भी मॉर्गन नॉट आउट करार दिए गए। इस डीआरएस के फैसले ने कोहली के उस बयान को सही साबित कर दिया कि इस तरह की अपील में एमएस धोनी का मुकाबला कोई नहीं कर सकता। कोहली ने सीरीज से पहले एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि आंकड़ों के अनुसार धोनी की डीआरएस की 95 फीसदी अपील कामयाब रही है। पुणे और कटक वनडे में धोनी ने इसे साबित भी कर दिया था।


गौर हो कि पुणे वनडे में जब अंपायर ने हार्दिक पंड्या की गेंद पर मॉर्गन को आउट नहीं दिया था तो धोनी ने बिना कोहली से पूछे डीआरएस की अपील कर दी थी। इसके बाद कोहली ने रिव्‍यू मांगा था। धोनी की यह अपील बिल्कुल सफल रही थी। इसके बाद कटक वनडे में जब अंपायर ने युवराज सिंह को विकेट के पीछे कैच आउट करार दे दिया था तब धोनी ने तुरंत डीआरएस की अपील कर दी थी। इसके बाद युवराज ने रिव्‍यू मांगा था। धोनी की यह अपील भी कामयाब रही थी। इससे डीआरएस को लेकर धोनी की का‍बिलियत पुख्‍ता हो गई थी।