नई दिल्ली : भारत में क्रिकेट का जुनून किस कदर लोगों पर हावी है. ये किसी से छिपा नहीं है. लड़का हो या लड़की या फिर कोई भी उम्र. हर कोई क्रिकेट का दीवाना है. विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ ऐसे ना जाने कितने नाम हैं, जिन्हें हर कोई जानता है. लेकिन क्रिकेट की दुनिया का एक पहलू और भी है और वह है- महिला क्रिकेट. भारत में शुरु से ही पुरुष क्रिकेट को जितनी तवज्जो मिली है, उतनी महिला क्रिकेट को नहीं मिली. बहुत कम लोग ही महिला क्रिकेटरों के बारे में या उनके नाम जानते होंगे. इस बीच महिला वर्ल्ड कप 2017 में टीम इंडिया सेमीफाइनल तक पहुंच गई है. टीम की कई खिलाड़ी ऐसे सितारे के तौर पर उभर कर सामने आई हैं, जिनकी आज हर कोई बात कर रहा है. 


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सोशल मीडिया पर स्मृति मंधाना को बताया सहवाग का फीमेल वर्जन, वीरु के जबाव ने जीत लिया दिल


ऐसी ही एक खिलाड़ी हैं- स्मृति मंधाना. भारत की ओपनिंग बल्लेबाज स्मृति मंधाना की अटैकिंग बल्लेबाजी और तकनीक को देखकर लोग उनकी तुलना वीरेंद्र सहवाग और रोहित शर्मा से भी लगे हैं. ऐसे में वीरेंद्र सहवाग ने खुद कहा था- कि स्मृति किसी वीरेंद्र सहवाग की तरह नहीं है. वह देश की पहली स्मृति हैं और वे बहुत अच्छा भी कर रही हैं. 


स्मृति ने एक इंटव्यू में कहा था कि उन्हें बचपने से अखबार में अपना नाम छपवाने का बड़ा शौक था. स्मृति को यह पता था कि अगर अखबार में नाम छपवाने का कोई जरिया है तो वो है क्रिकेट. फिर क्या था स्मृति ने क्रिकेट को अपना जूनुन बना लिया और आज पूरी दुनिया स्मृति के बल्लेबाजी की कायल है.


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17 साल की उम्र में वेस्ट जोन के लिए खेलते हुए स्मृति ने अंडर-19 में दोहरा शतक जड़ कर तहलका मचा दिया था. स्मृति ने 150 गेंदो में नाबाद 224 रनों की पारी खेली थी. स्मृति की इस पारी को देखकर इंडियन क्रिकेट के ‘द वॉल’ कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ इतना प्रभावित हुए ने उन्हें एक बल्ला भेंट किया था.


स्मृति मंधाना तब सुर्खियों में आईं थी, जब वे विश्व कप के दूसरे मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार 106 रनों की पारी खेल कर टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.


इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम सेमिफाइनल तक का सफर तय कर चुकी है अब सेमीफाइनल में उसका सामना 6 बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से है. भारतीय टीम आखिरी बार 12 साल पहले विश्व कप के फाइनल में जगह बनाने में कामयाब हुई थी. ऐसे में से स्मृति मंधाना के उपर दामोदार होगा कि वे अपनी बल्लेबाजी से टीम को फाइनल में पहुंचाएं. भारतीय टीम अगर सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को मात दे देती है तो उसका सामना 23 जुलाई को फाइनल में इंग्लैंड से होगा.


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स्मृति का पूरा नाम स्मृति श्रीनिवास मंधाना है. स्मृति का जन्म 18 जुलाई 1996 को मुंबई में हुआ लेकिन बचपन में ही उनका परिवार महाराष्ट्र के सांगली चला गया. हालांकि उनका बचपन का अधिकतर समय मुंबई में ही बिता.


स्मृति का झुकाव बचपन से ही खेल के प्रति रहा. स्मृति पढ़ाई के बाद खेल के लिए किसी ना किसी तरह से समय निकाल ही लेती थीं. ईएसपीएन के साथ एक इंटरव्यू में स्मृति ने कहा था, “मैं सुबह प्रैक्टिस करने के बाद स्कूल जाती थी, फिर वापस आकर शाम को भी नेट में प्रैक्टिस करती थी. प्रैक्टिस के लिए टीचर मुझे कभी-कभी जल्दी जाने देते थे तो मैं शाम को प्रैक्टिस खत्म करके घर जाकर टीवी भी देखा करती थी.”


स्मृति मंधाना ने इंटरनेशल क्रिकेट में बांग्लादेश के खिलाफ साल 2013 में अपना पहला इंटरनेशनल वनडे और टी-20 मैच खेला. टेस्ट में स्मृति ने साल 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया. स्मृति अब तक 2 टेस्ट 30 वनडे और 27 टी-20 मैच खेल चुकी हैं.


टेस्ट मैच में स्मृति ने 43.54 की स्ट्राइक रेट से 81 रन बनाए हैं जिनमें से उनका सर्वोच्च स्कोर 51 रहा है. वहीं वनडे में स्मृति ने 76.80 की स्ट्राइक रेट के साथ 927 रन बनाए हैं जिनमें 2 शतक और 6 अर्द्धशतक शामिल है. टी-20 में स्मृति ने 96.58 की स्ट्राइक रेट से 424 रन बनाए हैं जिसमें एक अर्द्धशतक भी शामिल है.