Kamal Amrohi: मीना कुमारी सिर्फ पर्दे पर ही ट्रेजडी क्वीन नहीं थीं. उनके बचपन से लेकर मौत तक ऐसी तमाम कहानियां मिलती हैं, जिनमें दुख बिखरा हुआ है. खास तौर पर उनके शादीशुदा जीवन के कई किस्से आम हैं. उनके पति निर्माता-निर्देशक कमाल अमहोरी भी मशहूर इंसान थे और उन्होंने कई कामयाब फिल्में बनाईं. दोनों की उम्र में लंबा फासला था मगर उन्होंने प्रेम विवाह किया था. जब एक कार एक्सीडेंट के मीना कुमार पूना के अस्पताल में भर्ती थी, तब कमाल अक्सर मीना कुमारी से मिलने जाते थे और वहीं दोनों के बीच प्यार हुआ था. बावजूद इसके कमाल अमरोही का अपनी पत्नी के प्रति कैसा बर्ताव था, इसकी तमाम मिसालें मिलती हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बात अवार्ड समारोह की
कहा जाता है कि मीना कुमारी को शादीशुदा जिंदगी में सुख नहीं मिला और पति का बर्ताव उनसे अच्छा नहीं था. जबकि मीना कुमारी उस दौर की बड़ी स्टार थीं. मीना कुमारी चाइल्ड आर्टिस्ट थीं और उन्होंने होते-होते इंडस्ट्री में लंबा सफर तय किया था. वह बड़ी एक्ट्रेस बन चुकी थीं. मीना कुमार का बड़ी स्टार होने और लव मैरिज करने की बात पर कमाल अमरोही पर खास असर नहीं था. वह उन्हें अपने सामने काफी छोटा मानते थे. बताया जात है कि एक बार फिल्म परिणीता के लिए मीना कुमारी को फिल्म फेयर अवार्ड मिला. हालांकि तब तक दोनों की शादी में दरार आ चुकी थी और वह अलग-अलग रहने लगे थे.


चली गईं सीधे घर
हुआ यह कि जब मीना कुमारी अवार्ड लेने गईं, तो अवार्ड समारोह में वह कमाल अमरोही के पास ही बैठी थीं. मंच से जब उनका नाम पुकारा गया तो वह उठीं और चली गईं. परंतु मंच पर जाते हुए अपना पर्स कुर्सी पर ही छोड़ गईं. मंच से पुरस्कार लेने के बाद मीना कुमारी वापस नहीं लौटीं और वहां से सीधे अपने घर चली गईं. कमाल अमरोही ने मीना कुमारी का पर्स उठाया और साथी एक्ट्रेस निम्मी को दे दिया. निम्मी ने वह पर्स मीना कुमारी तक पहुंचाया. बाद में जब मीना कुमारी ने कमाल अमरोही से मिलने पर पूछा कि वह क्यों वह पर्स देने के लिए नहीं आए तो उन्होंने कहा कि आज अगर पर्स उठा लेता तो कल जूते भी उठाने पड़ते.


सुधार की गुंजाइश नहीं
कमाल अमरोही की इस जवाब ने मीना कुमारी का दिल तोड़ दिया. वह समझ चुकी थीं कि कमाल अमरोही के साथ उनकी शादीशुदा जिंदगी में किसी सुधार की गुंजाइश नहीं बची है. आखिर वही हुआ. बात अंततः तलाक तक पहुंची. मीना कुमारी अपनी शादीशुदा जिंदगी में सुखी नहीं रह सकीं और धीरे-धीरे शराब की आदी हो गईं. आखिर में वह उसी नशे डूब कर बीमार हो गईं. आखिरी दिनों में उन्होंने कमाल अमरोही की फिल्म पाकीजा जैसे-तैसे पूरी की, जो उनकी मृत्यु के बाद खूब चली.