Cyber Fraud: आज के समय में स्मार्टफोन, कम्प्यूटर और लैपटॉप हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन गया है. आजकल ज्यादातर लोग इन डिवाइस का यूज करते हैं. इसकी मदद से लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करके घर बैठ ऑनलाइन टिकट बुक करते हैं, ऑनलाइन बिल पेमेंट कर सकते हैं, देश-दुनिया के किसी भी टॉपिक के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से चैट कर सकते है, ऑडियो-वीडियो कॉल कर सकते हैं, ऑडियो-वीडियो फाइल शेयर कर सकते हैं. 


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चार में से एक व्यक्ति हुआ हैकिंग का शिकार


इसी के साथ-साथ ये डिवाइस हैकर्स से भी अछूते नहीं रहे हैं. इस साल के पहले तीन महीने (जनवरी- मार्च) में हर चार में से एक व्यक्ति को हैकिंग का सामना करना पड़ा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, मैलवेयर अब भी एक बड़ा साइबर खतरा बना हुआ है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. 


रिपोर्ट से क्या पता चला 


ग्लोबल सिक्योरिटी कंपनी कैस्पर्सकाई की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 22.9% इंटरनेट यूजर्स को इस दौरान वेब से आने वाले खतरों का सामना करना पड़ा. वहीं, करीब 20.1% यूजर्स अपने कंप्यूटर में मौजूद खतरों की वजह से परेशान हुए.


सबसे खतरनाक साबित हुआ यह मालवेयर 


कंपनी का कहना है कि खासतौर पर मालवेयर अब भी लोगों और कंपनियों के लिए बड़ा खतरा हैं. हैकर्स, इंटरनेट ब्राउजर और उनके ऐड-ऑन्स की कमजोरियों का फायदा उठा रहे हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि "फाइल-लेस मालवेयर" इस तिमाही में सबसे खतरनाक साबित हुआ है क्योंकि ये हमले के किसी सबूत को नहीं छोड़ता.


फिशिंग, बैटिंग और प्रीटेक्सटिंग जैसे सोशल इंजीनियरिंग के तरीके भी भारतीय यूजर्स को धोखा देने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं. कैस्पर्सकाई के मुताबिक, उनकी वेब सुरक्षा ने जनवरी- मार्च के दौरान 1 करोड़ 24 लाख से ज्यादा इंटरनेट से आने वाले खतरों को रोका है. वहीं, इसी दौरान कंप्यूटर में मौजूद 1 करोड़ 67 लाख से ज्यादा खतरों को भी ढूंढकर ब्लॉक किया गया है.