1985 में आई हिंदी फिल्म 'जुल्म का बदला' में एक ऐसा सीन है जो इन दिनों चर्चा में है. इस फिल्म में एक ऐसा सीन है जहां एक ही महिला के दो अलग-अलग रूप दिखाए गए हैं. पुराने जमाने का एक वीडियो हाल ही में इंस्टाग्राम पर आया है. इसमें इंस्पेक्टर अनिल वर्मा (राकेश रोशन) और डीआईजी वर्मा (जगदीश राज) की बातचीत है. डीआईजी, गीता वर्मा (अनीता राज) के असली रूप का खुलासा करते हैं. ये सब एआई आने से पहले ही स्पेशल इफेक्ट्स से किया गया था. इससे पता चलता है कि भारतीय सिनेमा ने पहले ही बहुत ही क्रिएटिव तरीके अपना लिए थे, जबकि आजकल लोग एआई के बारे में चिंतित हैं.


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क्या है फिल्म का प्लॉट?


ये दृश्य दिखाता है कि पुराने समय में भारतीय फिल्मों में तकनीक का इस्तेमाल कैसे किया जाता था. के. प्रसाद ने इस फिल्म का निर्देशन किया है. फिल्म की कहानी डीआईजी वर्मा के बारे में है, जो अपने मृत दोस्त की बेटी गीता को गोद लेते हैं. गीता बड़ी होकर अनिल से शादी करती है, जो वर्मा के बेटे हैं. लेकिन जब अनिल की हत्या होती है, तो पिता और बेटा दोनों को गीता पर शक होता है. क्लिप में दिखाया गया है कि कैसे डीआईजी ने कपड़े से तस्वीर साफ की और तस्वीर बदल गई. लोग इस क्लिप को सोशल मीडिया पर बहुत शेयर कर रहे हैं और इसे “उस समय का फोटोशॉप” कह रहे हैं.


1985 में आई फिल्म "ज़ुल्म का बदला" में कई मशहूर कलाकार थे. इनमें राकेश रोशन, जगदीश राज, और अनीता राज के अलावा डैनी डेन्जोंगपा, शक्ति कपूर, नीलम मेहरा, चंद्रशेखर, दिनेश हिंगू, माणिक ईरानी, और जगदीप जैसे बड़े-बड़े सितारे भी थे.


अब वीडियो हुआ वायरल


इस वीडियो में एआई के आने से पहले का एक जादुई विज़ुअल इफेक्ट दिखाया गया है, जिसे इंस्टाग्राम पर लाखों लोगों ने पसंद किया है. कई लोगों ने कमेंट करके पूछा है कि 80 के दशक में फिल्म बनाने वाले लोग ऐसे सीन कैसे बनाते थे. कुछ लोगों ने मज़ाकिया कमेंट्स भी किए हैं और इस सीन का मज़ाक उड़ाया है.