नई दिल्ली: भारत के विशेषज्ञ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के साथ अगली पीढ़ी की दूरसंचार तकनीकों (5 G), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) और बिग डेटा जैसी महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों के विकास पर काम कर रहे हैं. वहीं कई विकसित देश अगली पीढ़ी के दूरसंचार नेटवर्क में प्राइवेसी और सुरक्षा चुनौतियों के समाधान पर काम कर रहे हैं.


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भारत के लिए 5G के हिसाब से ये साल बेमिसाल साबित होने की उम्मीद है. यहां 5जी ट्रायल्स को मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही कंपनियां टेक ब्रांड्स के साथ आने वाले दिनों में 5जी का परीक्षण शुरू करेंगी. इस बीच दुनिया के कई देश 5जी यूज करने के बाद अब 6G की ओर भी बढ़ चुके हैं.


कई देश कर रहे काम 


91mobiles.com की रिपोर्ट के मुताबिक 6G को इतना अधिक पावरफुल बताया जा रहा है कि इसे पाने के लिए विश्व के ताकतवर राष्ट्रों में कुछ इस तरह की होड़ लगी है जैसे कोई इंटरनेट तकनीक नहीं बल्कि नया एडवांस वेपन बनाया जा रहा हो. कई देशों ने 6जी निर्माण की दिशा में काम तेज कर दिया है. जिनमें जापान, चीन, साउथ कोरिया, अमेरिका व फिनलैंड जैसे देश शामिल हैं. रिसर्च एंड डेवलेमेंट सेंटर से लेकर नए इक्विप्मेंट तथा इंजीनियर्स पर इन देशों ने इस दिशा में बहुत बड़ा निवेश किया है. 


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खबरों के मुताबिक अमेरिकी कंपनी Apple ने ने ‘नेक्स्ट जेनरेशन रेडियो’ पर काम करने के लिए इंजीनियर्स की भर्ती शुरू की है. कंपनी नेक्स्ट जेनरेशन रेडियो 6G को ही कहा जा रहा है. इससे पहले दक्षिण कोरियाई कंपनी Samsung ने भी अपने मुल्क में 6जी पर काम करने के लिए आर एंड डी सेंटर की शुरूआत कर दी थी. वहीं LG भी इस दिशा में तेजी से काम कर रही है तो चीनी कंपनी Huawei भी 6जी टेक्नोलॉजी पर काफी सफलता हासिल कर चुकी है.


6 जी की अकूत ताकत


6G सिर्फ मोबाइल को ही नहीं बल्कि आम जिंदगी को भी और एडवांस करने के साथ उसकी रफ्तार बढ़ाएगा. 6जी में virtual reality (VR) और augmented reality (AR) का नया रूप देखने को मिलेगा. जो लोगों की सामान्य दिनचर्या का एकदम नये अंदाज में अहम हिस्सा बनकर स्वागत करने के साथ नया और भव्य अहसास कराएगा. 


 


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