राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने एक किस्सा सुनाया. जब उन्हें पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से अचानक कॉल मिला. शुरुआत में समझते हुए कि यह उनके पति नारायण मूर्ति के लिए है, उन्होंने ऑपरेटर को बताया कि यह 'रॉन्ग नंबर' है. मूर्ति ने इस बात को एक कार्यक्रम में शेयर किया. उन्होंने कहा, 'एक दिन मुझे एक कॉल आया जिसमें बताया गया कि अब्दुल कलाम आपसे बात करना चाहते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सुनाया पूरा किस्सा


उन्होंने कहा, 'मैंने उनको बताया कि यह रॉन्ग नंबर है, क्योंकि मेरा अब्दुल कलाम से कोई लेना-देना नहीं है. तो मुझे नहीं पता अगर कोई गलती हुई है. ऑपरेटर को मैंने बताया, शायद ये फोन नारायण मूर्ति के लिए होगा, तो मिस्टर मूर्ति की जगह आपने मिसेज मूर्ति से जोड़ दिया होगा.' उसके बाद सामने से आवाज आई कि, 'नहीं, नहीं। उन्होंने [अब्दुल कलाम ने] खास तौर से मिसेज मूर्ति के लिए ही बताया था.'


 



 


लेकिन, फोन करने वाले ने जोर देकर कहा कि ये फोन सिर्फ मिसेज मूर्ति के लिए ही था. सुधा मूर्ति को ताज्जुब हुआ और समझ नहीं आया कि आखिर अब्दुल कलाम ने उनका नंबर क्यों लगाया होगा. 


वो थोड़ी घबरा गईं और सोचने लगीं कि उन्होंने ऐसा क्या कर दिया होगा जो अब्दुल कलाम ने उन्हें फोन किया. बाद में पता चला कि कलाम ने सुधा मूर्ति का एक लेख पढ़ा था, जो "कंप्यूटर की कमी" के बारे में था. वह उनके काम की सराहना करना चाहते थे. उन्होंने लेख को "बहुत बढ़िया" बताया और कहा कि वो अक्सर सुधा मूर्ति के लेख पढ़ते हैं.


अपने कॉलम के एक अन्य हिस्से में, सुधा मूर्ति ने एक मजेदार घटना शेयर की. जब उन्होंने फल खरीदे तो उनकी कीमत 100 रुपये थी. लेकिन जब उनके एक छात्र, जो आईटी प्रोफेशनल थे, उन्होंने वही फल खरीदे, तो दुकानदार ने उनसे 200 रुपये लिए. दुकानदार ने बताया कि ऐसा उनके पेशे की वजह से है.