BSNL की धमाकेदार वापसी, Jio, Airtel और Vi ने अपने पैर पर मारी कुल्हाड़ी! लाखों लोगों ने कहा- हम जा रहे हैं...
Jio, Airtel और Vi के लिए प्लान्स को महंगा करना भारी पड़ गया है. बहुत से लोग अब BSNL की तरफ रुख कर रहे हैं. BSNL को पिछले कुछ दिनों में ही 27.5 लाख से ज्यादा नए ग्राहक मिल चुके हैं, जिनमें से कई लोगों ने अपना नंबर दूसरे नेटवर्क से BSNL में पोर्ट करवा लिया है..
Reliance Jio, Airtel और Vodafone Idea ने 3 जुलाई से अपने प्लान्स की कीमतें बढ़ा दी हैं. सबसे पहले जियो ने यह फैसला लिया और उसके तुरंत बाद एयरटेल और वीआई को भी ऐसा करना पड़ा. कंपनी को लग रहा था कि इससे कंपनी को फायदा होगा, लेकिन लगता है कि ऐसा करना कंपनी के लिए उल्टा पड़ गया है. इस वजह से बहुत से लोग अब BSNL की तरफ रुख कर रहे हैं. खबरों के अनुसार, BSNL को पिछले कुछ दिनों में ही 27.5 लाख से ज्यादा नए ग्राहक मिल चुके हैं, जिनमें से कई लोगों ने अपना नंबर दूसरे नेटवर्क से BSNL में पोर्ट करवा लिया है.
लाखों लोगों ने कराया पोर्ट
जैसा कि BSNL ने इकॉनॉमिक टाइम्स को बताया, 3-4 जुलाई से, जब Jio, Airtel और Vi ने अपने प्लान्स महंगे किए, तब से लगभग 2.5 लाख लोगों ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) का इस्तेमाल करते हुए BSNL में अपना नंबर स्विच करवा लिया है.
BSNL के लिए चुनौतियां
BSNL के प्लान, खासकर कम दाम वाले प्लान, ज्यादा पैसे खर्च करने से बचने वाले लोगों को अपनी तरफ खींच रहे हैं. हालांकि कंपनी के लिए ये आंकड़े अच्छे लग रहे हैं, पर विशेषज्ञों का कहना है कि ये बढ़ोतरी लंबे समय तक बनी रहेगी या नहीं, ये इस बात पर निर्भर करता है कि BSNL अपना नेटवर्क बेहतर कर पाएगा और 4G सेवा को ज्यादा जगहों पर पहुंचा पाएगा या नहीं. कुछ जानकारों का मानना है कि लोगों को नए महंगे प्लानों की आदत लगने के बाद, BSNL में ये अचानक से बढ़े हुए ग्राहक वापस दूसरे नेटवर्क में जा सकते हैं.
MTNL को सौंपी जा सकती है BSNL
सरकार एक बड़े फैसले पर विचार कर रही है. वो सरकारी टेलीकॉम कंपनी MTNL को BSNL को सौंपने का सोच रही है, इसे मिलाने की बजाय. इस पर एक महीने में अंतिम फैसला आने की संभावना है.
सूत्रों के मुताबिक, आर्थिक रूप से कमजोर चल रही सरकारी टेलीकॉम कंपनी MTNL को किसी समझौते के तहत BSNL को सौंपने का विचार किया जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि MTNL पर बहुत ज्यादा कर्ज है, इसलिए सरकार को लगता है कि सीधे मिलाने से फायदा नहीं होगा. इस प्रस्ताव पर फैसला लेने के बाद इसे सचिवों की समिति के सामने रखा जाएगा और फिर कैबिनेट तक जाएगा.