इस साल के बजट (2024-25) में कई अहम ऐलान हुए हैं, जो हर क्षेत्र को प्रभावित करेंगे. लेकिन, एक ऐलान मोबाइल यूजर्स के लिए थोड़ी परेशानी का सबब बन सकता है. सरकार ने टेलीकॉम उपकरणों (दूरसंचार उपकरण) पर लगने वाले पीसीबीए (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेम्बली) के शुल्क को बढ़ा दिया है. इसका सीधा असर मोबाइल यूजर्स पर पड़ सकता है, जिसका मतलब है कि मोबाइल रिचार्ज और पैक की कीमतें बढ़ सकती हैं.


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बढ़ सकती हैं कीमतें


जुलाई की शुरुआत में ही देश की तीन बड़ी मोबाइल कंपनियों - रिलायंस जियो, एयरटेल और Vi - ने अपने रिचार्ज प्लान्स की कीमतें बढ़ा दी थीं. अब, टेलीकॉम उपकरणों पर लगने वाले पीसीबीए के शुल्क में और बढ़ोतरी के साथ, ये कंपनियां अपने प्लान की कीमतों को और भी बढ़ा सकती हैं.


5G रोलआउट में लग सकता है वक्त


टेलीकॉम उपकरण महंगे होने से 5G सर्विस शुरू करने में भी देरी हो सकती है. इन महंगे उपकरणों की वजह से मोबाइल कंपनियों का खर्च बढ़ जाएगा. नतीजतन, वो वापस पाने के लिए रिचार्ज प्लान्स की कीमतें और बढ़ा सकती हैं. इतना ही नहीं, नेटवर्क को और ज्यादा फैलाने में भी दिक्कत आ सकती है क्योंकि कंपनियों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा. कुल मिलाकर, 5G सर्विस जल्दी शुरू होने में दिक्कतें आ सकती हैं.


मोबाइल बनाने में आत्मनिर्भर बन रहा भारत


बजट भाषण में एक अच्छी खबर भी आई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोबाइल फोन, मोबाइल पीसीबीए और मोबाइल चार्जर पर लगने वाले कस्टम ड्यूटी को 20% से घटाकर 15% करने का ऐलान किया. उन्होंने बताया कि पिछले 6 सालों में भारत में मोबाइल बनाने वाली कंपनियां तीन गुना ज्यादा फोन बनाने लगी हैं, और बाहर देशों को भेजने वाले फोन की मात्रा भी 100 गुना बढ़ गई है. इसका मतलब है कि भारत मोबाइल बनाने में आत्मनिर्भर बन रहा है.