दिल्ली हाई कोर्ट ने IT कंपनी के पक्ष में सुनाया फैसला, BSNL को दिया यह आदेश
Delhi High Court Order to BSNL: दिल्ली हाई कोर्ट ने BSNL को एक प्राइवेट IT कंपनी मिलेनियम ऑटोमेशन के साथ करोड़ों रुपये के एक कॉन्ट्रैक्ट को जारी रखने का आदेश दिया है. इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत मिलेनियम ऑटोमेशन को BSNL के लिए सेंट्रलाइज्ड मोबाइल बिलिंग और इंटरनेट प्रोटोकॉल डेटा रिकवरी (IPDR) सॉल्यूशंस प्रदान करने थे.
दिल्ली हाई कोर्ट ने BSNL को एक प्राइवेट IT कंपनी मिलेनियम ऑटोमेशन के साथ करोड़ों रुपये के एक कॉन्ट्रैक्ट को जारी रखने का आदेश दिया है. इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत मिलेनियम ऑटोमेशन को BSNL के लिए सेंट्रलाइज्ड मोबाइल बिलिंग और इंटरनेट प्रोटोकॉल डेटा रिकवरी (IPDR) सॉल्यूशंस प्रदान करने थे. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
जुलाई में साइन किया था कॉन्ट्रैक्ट
जुलाई में प्राइवेट कंपनी ने BSNL के सेंट्रलाइज्ड मोबाइल बिलिंग सिस्टम और प्रोब-बेस्ड IPDR मैनेजमेंट सॉल्यूशन के लिए IT हार्डवेयर और संबंधित सॉफ्टवेयर की सप्लाई, इंस्टॉलेशन, टेस्टिंग, कमीशनिंग और एनुअल मेंटेनेंस के लिए एक करोड़ों रुपये का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था. हालांकि, बाद में टेलीकॉम कंपनी ने कॉन्ट्रैक्ट में मिलियनियम ऑटोमेशन की ओर से कथित तौर पर सांठगांठ और बुरे इरादे का आरोप लगाते हुए ऑर्डर वापस ले लिया.
हाई कोर्ट ने कंपनी के पक्ष में सुनाया फैसला
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक दिल्ली हाई कोर्ट ने IT कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया है और BSNL के फैसले को खारिज कर दिया है. जस्टिस संजीव नरुला ने कहा कि टेंडर प्रोसेस की अखंडता को बनाए रखना महत्वपूर्ण है और किसी भी डेविएशन को उचित उपायों के साथ संबोधित किया जाना चाहिए, लेकिन इंटीग्रिटी के कॉम्प्रोमाइज होने के दावे के समर्थन में पर्याप्त सबूत नहीं थे.
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कंपनी ने BSNL के फैसले को दी थी चुनौती
रिपोर्ट के मुताबिक मिलेनियम ऑटोमेशन ने दिल्ली हाई कोर्ट में BSNL के अपने कॉन्ट्रैक्ट कैंसिल करने के फैसले को चुनौती दी और तर्क दिया कि यह वापसी अनुचित थी और उन्होंने ऑर्डर को पूरा करने के लिए पहले ही काफी पैसे खर्च कर दिए हैं.
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IT कंपनी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उसने 5 अगस्त को BSNL को उपकरण सप्लायर्स की लिस्ट और उनके सिक्योरिटी क्लियरेंस प्रस्तुत किए थे. हालांकि, टेलीकॉम कंपनी ने अगले ही दिन ऑर्डर कैंसिल कर दिया. कंपनी ने तर्क दिया कि ऑर्डर अचानक कैंसिल करना अनुचित था और इसका उचित औचित्य नहीं था.