Twitter Service: Twitter Blue Tick: आज यानी 1 अप्रैल से ट्विटर का वेरिफाइड बैज कंपनी की तरफ से बंद किया जा रहा है और इसके पीछे वजह है Twitter Blue जो एक पेड सर्विस है और पहले की तरह ब्लू टिक लेने के लिए यूजर्स को एक तय रकम चुकानी पड़ेगी और तब जाकर इस सर्विस का लाभ लिया जा सकता है. लीगेसी ब्लू टिक को आज से हटाने की बात कही गई थी और इसे लेकर लाखों यूजर्स विरोध में हैं और इसके पीछे वजह है इस सर्विस के लिए वसूली जाने वाली रकम जो काफी ज्यादा है और मार्केट में मौजूदा समय में जितने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं उनके लिए कोई भी चार्ज नहीं वसूला जाता है ऐसे में ट्विटर की इस सर्विस से लोगों को दिक्कत हो रही है. इस सर्विस का बचाव करते हुए Elon Musk ने बड़ी बात बोल दी है. उन्होंने अपनी इस पेड सर्विस को लेकर कई सारी बातें बताई हैं.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

Musk ने कह दी बड़ी बात 


ट्विटर के नए मालिक Elon Musk ने ट्विटर के लिए शुरू की गई पेड सर्विस का बचाव किया है क्योंकि इसे लेकर दुनियाभर में काफी बवाल मचा हुआ है, ऐसे में इस सर्विस का खुलकर सपोर्ट करते हुए दिखना काफी हैरान करने वाला है. जानकारी के अनुसार मस्क ने बताया है कि अगर पेड सर्विस ना शुरू की जाए तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स फेल हो सकते हैं. दरअसल इसके पीके उन्होंने ये वजह बताई है कि अगर ऐसा ना किया जाए तो बॉट की वजह से सोशल मीडिया कंपनियों को काफी समस्या हो सकती है. 


फेक अकाउंट्स को बताया खतरे की वजह 


मस्क ने बताया कि अभी तक ट्विटर पर काफी सारे फेक अकाउंट्स चल रहे थे और इन्हें कुछ ही मिनटों में तैयार भी किया जा सकता है लेकिन अब इन अकाउंट्स को कंपनी की तरफ से वेरिफाई ही नहीं किया जाएगा. ऐसा कोई भी अकाउंट जो फेक होगा कंपनी उसे कभी भी वेरिफाई ही नहीं करेगी. मस्क ने बताया कि फेक ट्विटर अकाउंट्स को आसानी से तैयार किया जा सकता है वो भी घर बैठकर सिर्फ अपने कंप्यूटर के जरिए. ऐसे में अकाउंट्स को वेरिफाई किया जाना बेहद ही जरूरी हो गया है. 


इस तरह से पकड़े जाएंगे फेक ट्विटर अकाउंट 


ट्विटर पर अपना अकाउंट वेरिफाई करवाने के लिए काफी सारी जानकारियां साझा करनी पड़ती हैं जिनमें फोन नंबर समेत आपकी कई निजी जानकारियां शामिल होती हैं ऐसे में जब ये सर्विस शुरू हो रही है तो ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि बॉट अकाउंट्स को रोका जा सकता है. एंड्रायड और एप्पल यूजर्स को इस सर्विस के लिए 900 रुपये हर महीने जबकि वेब यूजर्स को 650 रुपये चुकाने पड़ेंगे.