सोशल मीडिया कंपनी Meta Platforms ने अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टेक्नॉलजी का नया वर्जन लॉन्च किया है. इसे "लैमा 3" नाम दिया गया है. इस टेक्नॉलजी को अभी शुरुआती रूप में लॉन्च किया गया है. जल्द ही इसे Meta AI वर्चुअल असिस्टेंट में शामिल किया जाएगा. जो अभी दुनिया भर के यूजर्स को मिलना शुरू हो गया है. कंपनी के CEO Mark Zuckerberg का कहना है कि ये नया AI मॉडल बाकी फ्री मॉडल्स से कहीं ज्यादा बेहतर है.


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इंस्टाग्राम पोस्ट में मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि, 'हमें विश्वास है कि इस नए मॉडल के साथ, मेटा एआई अब सबसे ज्यादा समझदार AI असिस्टेंट बन गया है, जिसे आप मुफ्त में इस्तेमाल कर सकते हैं.' कंपनी ने अपने ब्लॉग पोस्ट में ये भी दावा किया है कि ये नया मॉडल चैटबॉट को कई तरह के कामों में बेहतर बनाने में मदद करेगा और इसकी 'सोचने-समझने की क्षमता' भी बढ़ाएगा. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) के मालिक एलन मस्क ने मेटा के लेटेस्ट AI मॉडल के लॉन्च पर कहा: 'बुरा नहीं है.'



मेटा सीईओ ने एआई रिस्क पर क्या कहा?


मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि फिलहाल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कोई खतरा नहीं है. हाल ही में The Verge को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मेटा या कोई दूसरी कंपनी फिलहाल इतना खतरनाक AI बनाने पर काम नहीं कर रही है, जितना लोग सोचते हैं. उनका कहना है कि 'लोगों को जो डर है कि AI बहुत ज्यादा ताकतवर होकर इंसानों के लिए खतरा बन जाए, वो फिलहाल गलत है. अगले एक साल में हम या इस क्षेत्र की दूसरी कंपनियां जो AI बना रही हैं, वो इतना खतरनाक नहीं होगा.'


बोले- लैमा 3 है सुरक्षित


मार्क जुकरबर्ग का मानना है कि अभी उनके बनाए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल "लैमा 3" को सभी के लिए खुला रखना सुरक्षित है. इसका एक कारण ये है कि ये मॉडल अभी इतना एडवांस नहीं है. जुकरबर्ग ने ये भी बताया कि जब उनका ये AI मॉडल कई तरह की चीजें करने लायक बन जाएगा (जैसे टेक्स्ट के साथ-साथ इमेज और वीडियो भी दिखाना), तब शायद वो इसे पूरी तरह से ओपन-सोर्स नहीं रखेंगे.