Humidity in Summer Season: भारतीय मौसम विभाग के हाल ही में जारी किये गए अनुमान के मुताबिक गर्मियों में भारत के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है. उत्तर भारत में चिलचिलाती गर्मी के दस्तक देने से पहले ही लोगों की पहली प्राथमिकता अब यह बन गई है कि अपने घर के वातावरण को ठंडा बनाये रखने की लिए किस प्रकार की तैयारियां की जाए. बढ़ते तापमान और उच्च ह्यूमिडिटी स्तर के साथ ही आपका एयर कंडीशनर आपका सबसे अच्छा दोस्त बन जाता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह ह्यूमिडिटी आपके एयर कंडीशनर के प्रदर्शन और कार्यक्षमता पर बड़ा प्रभाव डाल सकती है? जॉनसन कंट्रोल्स-हिताची एयर कंडीशनिंग इंडिया लिमिटेड के प्रोडक्ट एक्सपर्ट्स इसी महत्वपूर्ण विषय पर प्रकाश डालते हुए समझाते हैं कि, किस तरह से वातावरण में मौजूद नमी आपके एयर कंडीशनर को प्रभावित कर सकती है. इन प्रभावों को समझकर तथा अपने दैनिक जीवन में इन्हें अपनाकर आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका एयर कंडीशनर गर्मी के मौसम में आपको हमेशा कूल और कंफर्ट बनाए रखे.


1. जरुरी है ह्यूमिडिटी और एयर कंडीशनिंग के बीच का संबंध समझना: हवा में मौजूद नमी की मात्रा को ह्यूमिडिटी या उमस कहा जाता है. उत्तर भारत जैसे क्षेत्रों में ह्यूमिडिटी का स्तर तेजी से बढ़ जाता है जिससे हवा भारी और चिपचिपी महसूस होने लगती है. उच्च ह्यूमिडिटी का स्तर कई तरीकों से आपके एयर कंडीशनर को प्रभावित कर सकता है:


कूलिंग क्षमता को घटाना: जब हवा में नमी मिली होती है, तो कमरे को सही तरीके से ठंडा रखना एयर कंडीशनर के लिए मुश्किल हो जाता है. अत्याधिक उमस के चलते पसीना सूखने में ज्यादा समय लगने लगता है और इसके चलते असहजता महसूस होने लगती है.


एयर कंडीशनर पर दबाव डालना: नमी वाली हवा में सही ठंडक बनाए रखने के लिए आपके एयर कंडीशनर को अधिक और दबावपूर्ण कार्य करना पड़ता है जो सिस्टम पर भरी पड़ने लग जाता है. इसके चलते एयर कंडीशनर यूनिट में खराबी आने के आसार तो बढ़ते ही हैं वहीं साथ ही बिजली की खपत भी बढ़ जाती है.


2. ह्यूमिडिटी संबंधी समस्याएं सुलझाने के उपाय: हवा का बहाव सुधारें: हवा का बहाव सही ना होना भी कमरे में नमी से जुड़ी समस्या पैदा कर सकता है। इस बात का ध्यान रखें कि आपके एयर कंडीशनर वेंट्स के सामने कोई रूकावट न हो. उन्हें अलमारी या पर्दे इत्यादि से दूर रखें. ऐसा करने से वायु प्रवाह सही रहता है तथा ठंडी हवा कमरे के हर कोने तक बराबर पहुंचती है.


एयर कंडीशनर का नियमित रखरखाव करें: नियमित रुप से एयर कंडीशनर का रखरखाव उसकी परफॉर्मेंस को बनाए रखने में मदद करता है. एक पेशेवर तकनीशियन, एयर कंडीशनर कॉइल्स को साफ करता है, रेफ्रिजरेंट लेवल चेक करता है तथा सुनिश्चित करता है कि सभी पुर्जे सही हालात में काम कर रहे हैं. इससे ह्यूमिडिटी संबंधी समस्याओं से बचाव होता है तथा साथ ही ऊर्जा क्षमता में सुधार होता है.


ऑटो मोड पर सेट रखें फैन: एयर कंडीशनर फैन को "ऑटो" पर रखने से यह कूलिंग की जरूरत के हिसाब से स्पीड को अडजेस्ट कर पाता है. जब एयर कंडीशनर कूलिंग नहीं कर रहा होता है, तो उस स्थिति में भी यह नमी वाली हवा को पूरे कमरे में फैलने से रोकता है. इसके साथ ही सेट किए गए तापमान जितनी कूलिंग होते ही ऑटो मोड में फैन अपने आप बंद हो जाता है और कमरे में अत्यधिक ठंडक होने से भी बचाता है.


एग्जॉस्ट फैन का उपयोग करें: बाथरूम और रसोई अमूमन उच्च ह्यूमिडिटी वाली जगह होती है जहां स्नान करने और खाना पकाने जैसे कार्यो के चलते हवा में नमी का स्तर बढ़ जाता है. ऐसी जगहों पर एग्जॉस्ट फैन यानी निकास पंखा चलाने से सीलन की स्थिति कम होने लगती है तथा यह घर की दूसरी जगहों तक नहीं फैलती है.


3. ह्यूमिडिटी नियंत्रण के लिए अतिरिक्त उपाय: घर को वेंटिलेट करें: इनडोर ह्यूमिडिटी को नियंत्रित करने में उचित वेंटिलेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. दिन में जिस वक्त गर्मी कुछ कम हो और वातावरण में भी ह्यूमिडिटी का लेवल घटा हुआ हो, उस वक्त हमें घर के दरवाजे व खिड़कियां खोल देनी चाहिए ताकि घर में बंद हवा बाहर निकल जाए और ताजी हवा का प्रवाह बन जाए. ऐसा करने से घर में नमी तो कम होगी ही तथा साथ ही हवा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा.


छत के पंखें को उपयोग करें: एयर कंडीशनर के साथ सीलिंग फैन का उपयोग फायदेमंद साबित होता है, यह ठंडी हवा के प्रवाह को बढ़ा देता है. छत का पंखा ठंडी हवा को तेजी से फैलाता है जो कमरे का टेम्परेचर कम होने का अहसास कराता है.


दरवाजे और खिड़कियाँ बंद रखें: दिन के ठंडे समय में जहां हवा का वेंटिलेशन घर के लिए जरूरी होता है वहीं दोपहर में तथा उच्च ह्यूमिडिटी वाले समय पर घर के दरवाजे और खिड़कियाँ बंद रखने चाहिए. ऐसा करने से बाहर की नमी वाली हवा घर में प्रवेश नहीं कर पाएगी तथा एयर कंडीशनर के प्रदर्शन पर भी उसका प्रभाव नहीं पड़ेगा.


धूप से करें बचाव: सूर्य की सीधी किरणें आपके घर को गर्म कर सकती हैं और ह्यूमिडिटी का स्तर भी बढ़ा सकती हैं. ऐसे में दोपहर के वक्त पर्दे और ब्लाइंड्स का उपयोग करें तथा धूप को घर में आने से रोकें. इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित करें कि आपके घर में उमस भरी हवा और धूप की आवाजाही ना होती हो, तभी आपको आरामदायक और ठंडा इनडोर टेम्परेचर मिल पाएगा.


4. अनुकूल ह्यूमिडिटी स्तर बनाए रखने के लाभ: ज्यादा आराम: ह्यूमिडिटी से संबंधित समस्याओं का समाधान करके, आप घर में अधिक आरामदायक माहौल बना सकते हैं.


बेहतर हवा: घर में अगर नमी की मात्रा बढ़ जाती है तो फफूँद और धूल के कण जैसी चीजें भी बढ़ने लगती है. ह्यूमिडिटी के स्तर को नियंत्रित करके आप अपने और अपने परिवार के लिए एक स्वस्थ इनडोर वातावरण बना सकते हैं.


बिजली की बचत: जब आपका एयर कंडीशनर कम नमी वाले वातावरण में काम करता है, तो उसे हवा को ठंडा करने के लिए कम ऊर्जा की जरूरत होती है. ह्यूमिडिटी नियंत्रण के उपाय अपनाने से, आप अपने घर में बिजली की खपत कम कर सकते हैं.