आज के समय में, डेटिंग और शादी के लिए ऐप्स बहुत काम आ रहे हैं. इन ऐप्स से लोगों को दूर-दूर से भी एक-दूसरे से मिलना और रिश्ता बनाना आसान हो गया है. इन ऐप्स से सिंगल लोगों को आसानी से संभावित पार्टनर मिल सकते हैं. लेकिन एक सर्वे के मुताबिक, इन ऐप्स पर बहुत सारे फेक प्रोफाइल भी हैं. 78% महिलाओं ने बताया कि उन्होंने ऐसे फेक प्रोफाइल देखे हैं. सर्वे में यह भी बताया गया कि 48% लोगों ने कहा कि इन ऐप्स से उनका मानसिक स्वास्थ्य भी खराब हुआ है.


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मानसिक स्वास्थ्य हो रहा खराब


जुलेओ नाम के एक क्लब ने यूगोव नाम की एक कंपनी के साथ मिलकर एक सर्वे किया है. इस सर्वे में भारत के 8 बड़े शहरों के 1000 से ज्यादा सिंगल लोगों ने हिस्सा लिया है. इस सर्वे से पता चलेगा कि आजकल भारत में लोग कैसे-कैसे शादी के लिए पार्टनर ढूंढ रहे हैं. रिपोर्ट से पता चलता है कि बहुत सारे लोग ऑनलाइन तो एक-दूसरे को पसंद करते हैं, लेकिन फिर भी कभी नहीं मिलते. लोगों को सुरक्षा और प्रोफाइल के सही होने के बारे में भी चिंता है. डेटिंग ऐप्स का ज्यादा इस्तेमाल करने से थकान भी होती है और मानसिक स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है. इन ऐप्स से लोगों को बहुत सारे मैच मिल सकते हैं, जो कि मैचमेकर नहीं कर सकते. इसलिए ये ऐप्स युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गए हैं.


ऐसे ही बना लेते हैं प्रोफाइल


लेकिन रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 3 में से 2 लोग जो डेटिंग या शादी के ऐप्स और वेबसाइट्स इस्तेमाल करते हैं, कभी भी अपने मिलने वाले से नहीं मिले। इसका मतलब है कि इन ऐप्स पर लोगों को सही प्रोफाइल नहीं मिलते और लोग एक-दूसरे को मिलने के बाद भी बात करना बंद कर देते हैं.


फेक प्रोफाइल मिलती हैं ज्यादा


78% महिलाओं ने बताया कि इन ऐप्स पर बहुत सारे फेक प्रोफाइल हैं. महिलाओं का कहना है कि उन्हें अपनी प्रोफाइल पर ज्यादा कंट्रोल चाहिए और उनकी प्रोफाइल सिर्फ उन्हीं लोगों को दिखनी चाहिए जिन्हें वे चाहें. 82% महिलाओं का मानना है कि डेटिंग या शादी के ऐप्स पर सरकार को लोगों की पहचान चेक करनी चाहिए. इससे सुरक्षा बढ़ेगी. इन ऐप्स पर बहुत सारे घोटाले हो रहे हैं, इसलिए सरकार को इस पर कुछ करना चाहिए.


इसके अलावा, युवाओं को इन ऐप्स का इस्तेमाल करने से मानसिक तनाव भी होता है, क्योंकि इन ऐप्स पर सही पार्टनर ढूंढना बहुत मुश्किल होता है. लगभग आधे लोगों ने बताया कि इन ऐप्स से उनका मानसिक स्वास्थ्य खराब हुआ है. ऑनलाइन लोगों से मिलने के लिए लोगों पर दबाव होता है कि वे अच्छी पहली बातचीत करें, 62% लोगों ने बताया कि वे ऐसा करने के लिए दबाव महसूस करते हैं.


सर्वे से पता चला है कि 4 में से 3 महिलाएं डेटिंग या शादी के ऐप्स से परेशान हो जाती हैं. इन ऐप्स पर बहुत सारे प्रोफाइल देखने से लोगों को मानसिक तनाव होता है, 70% लोगों ने कहा कि इन ऐप्स पर प्रोफाइल देखना बेकार है और इससे परेशानी बढ़ती है. कुल मिलाकर, 3 में से 2 लोग चाहते हैं कि कोई AI मैचमेकर उन्हें सही प्रोफाइल ढूंढने में मदद करे, बजाय खुद ढूंढने के.