Google दुनिया की जानी-मानी टेक जाइंट कंपनी है. इसकी सर्विसिस दुनिया भर में मशहूर हैं. लेकिन, गूगल को लेकर अब एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है. पूरी दुनिया की जितनी GDP नहीं, गूगल पर उससे भी ज्यादा का जुर्माना लगा है. यह जुर्माना इतना बड़ा है कि यह दुनिया भर के कानूनी और फाइनेंशियल क्षेत्रों में चर्चा का विषय बन गया है.


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Google पर लगा 20 डिसिलियन डॉलर का जुर्माना
टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक रूस की एक  अदालत ने गूगल पर 20 डिसिलियन डॉलर का भारी भरकम जुर्माना लगाया है, जो दुनिया की कुल अर्थव्यवस्था से भी कहीं ज्यादा है. यह जुर्माना इसलिए लगाया गया है क्योंकि गूगल ने चार साल पहले Tsargrad TV समेत रूस के कुछ सरकारी चैनलों को अपने प्लेटफॉर्म, जैसे YouTube से ब्लॉक कर दिया था. 


गूगल पर इतना बड़ा जुर्माना क्यों लगाया गया?


चार साल पहले गूगल ने रूस के चैनल Tsargrad TV को ब्लॉक कर दिया था. इसके बाद अन्य रूसी सरकारी चैनलों को भी ब्लॉक किया गया. इससे रूस ने गूगल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी. गूगल ने इन चैनलों को इसलिए ब्लॉक किया क्योंकि रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव बढ़ रहा था, खासकर सेंसरशिप और प्रोपेगैंडा को लेकर. 


रूस की अदालत ने गूगल पर पहले 1,00,000 रूबल (लगभग 1,200 डॉलर) प्रति दिन का जुर्माना लगाया. लेकिन, हर 24 घंटे में यह जुर्माना दोगुना हो जाता था. चूंकि गूगल ने जुर्माना नहीं दिया और चैनलों को भी अनब्लॉक नहीं किया, इसलिए जुर्माना तेजी से बढ़ता गया. अब तक कुल जुर्माना 20 डिसिलियन डॉलर हो गया है, जो दुनिया की कुल अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा है. हालांकि, यह रकम इतनी बड़ी है कि इसे वास्तव में वसूला नहीं जा सकता. 


रूस की कार्रवाई


गूगल ने 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद रूस में अपना काम बंद कर दिया. इसके बाद रूसी अधिकारियों ने गूगल रूस की लगभग 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति जब्त कर ली. हाल ही में गूगल ने कहा कि इस मामले से उसे ज्यादा आर्थिक नुकसान नहीं होगा. गूगल का कहना है कि वह इस मामले का सामना कर सकता है. 


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20 डिसिलियन डॉलर का जुर्माना और इसके मायने 


रूस की अदालत ने गूगल पर यह जुर्माना लगाया क्योंकि गूगल ने रूस के कुछ सरकारी चैनलों को YouTube से हटा दिया था. रूस का कहना है कि गूगल ने उनके कानूनों का उल्लंघन किया है. हालांकि, यह जुर्माना इतना ज्यादा है कि इसे वसूल करना लगभग नामुमकिन है. इस घटना से पता चलता है कि बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों और देशों के बीच कानूनी लड़ाईयां बढ़ सकती हैं. अगर कोई देश किसी कंपनी की नीतियों से सहमत नहीं होगा, तो वह उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता है.


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यह जुर्माना दिखाता है कि टेक कंपनियों और देशों के बीच संबंध कितने जटिल हो सकते हैं, खासकर जब बात कंटेंट रेगुलेशन की हो. हालांकि, यह जुर्माना गूगल को सीधे तौर पर प्रभावित नहीं करेगा, लेकिन यह एक संकेत है कि देश अपने कानूनों को लागू करने के लिए टेक कंपनियों पर दबाव डाल सकते हैं. गूगल जैसी कंपनियों के लिए अलग-अलग देशों में काम करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि हर देश के अपने नियम होते हैं.