गुड़गांव की कंपनी TechEagle, जो ऑन-डिमांड ड्रोन डिलीवरी में अग्रणी है, उसने एम्स ऋषिकेश के साथ मिलकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. उन्होंने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त योजना के तहत, टीबी की दवाओं की डिलीवरी के लिए अब तक की सबसे लंबी ड्रोन उड़ान का सफलतापूर्वक संचालन किया है. यह सफलता इस बात को दिखाती है कि कैसे ड्रोन तकनीक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच बढ़ाने में क्रांति ला सकती है.


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सफल बनाया Drone Didi स्कीम ने


पहाड़ी इलाकों में इस कठिन उड़ान को सफल बनाने में प्रधानमंत्री की 'ड्रोन दीदी' स्कीम का बहुत बड़ा हाथ रहा. ये स्कीम महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को ड्रोन चलाने और निगरानी करने की ट्रेनिंग देती है. इससे गांव की महिलाएं ड्रोन उड़ाना सीख पाती हैं और अपनी जिंदगी में बदलाव ला सकती हैं. इस तरह वो अपने कम्यूनिटी को भी आगे बढ़ाने में मदद करती हैं.


34 मिनट में पहुंची दवा


ड्रोन ने एम्स ऋषिकेश से चंबा सेंटर और हिंडोलखाल सेंटर के जैसे दूर-दराज इलाकों तक दवाइयां पहुंचाईं. ये पहाड़ी इलाके काफी ऊंचे और टेढ़े-मेढ़े हैं, लेकिन ड्रोन ने आसानी से उड़ान भर ली और एक बार में ही 2.5 किलोमीटर से ज्यादा ऊंचाई पर चढ़कर 47 किलोमीटर का सफर पूरा किया. रोड से ये रास्ता तय करने में 4 घंटे से ज्यादा लगते थे, लेकिन ड्रोन ने सिर्फ 34 मिनट में दवाइयां पहुंचा दीं.


TechEagle के फाउंडर और CEO, विक्रम सिंह मीणा ने कहा, 'यह सफलता हमारे प्रधानमंत्री के दूरदर्शी लक्ष्यों के साथ बिल्कुल मेल खाती है. ये दिखाता है कि हम उत्तराखंड में ड्रोन ऑपरेशन को बढ़ाने के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं. पहाड़ों की मुश्किलों को मात देते हुए, यह उपलब्धि हमें ड्रोन तकनीक के अग्रणी के रूप में स्थापित करती है. दूरदराज के इलाकों में आसानी से दवाइयां पहुंचाने की क्षमता ड्रोन के अंदर छिपी है, और यही हमारे काम का मुख्य उद्देश्य है.'


TechEagle के बारे में


TechEagle एक गुड़गांव की कंपनी है जो ड्रोन के ज़रिए सामान पहुंचाने का काम करती है. 2017 में आईआईटी कानपुर के दो पूर्व छात्रों ने इसकी शुरुआत की थी. ये भारत की पहली बड़ी कंपनी है जो खुद ड्रोन बनाने और उड़ाने दोनों का काम करती है. उनकी खासियत है दूर-दूर तक सामान पहुंचाने वाले ड्रोन बनाना (बिना Sicht के), यानी वो पहाड़ों या जंगलों से भी पार सामान पहुंचा सकते हैं.