Google Maps: दुनियाभर में करोड़ों की संख्या में लोग रोजाना गूगल मैप्स का इस्तेमाल करते हैं. इसकी जरूरत तब महसूस होती है जब लोगों को कहीं जाना होता है. यह ऐप लोगों को कार, बाइक, पैदल या पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जाने के सबसे आसान तरीकों के बारे में बताता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि गूगल मैप्स को कैसे पता चलता है कि किस रास्ते पर कितना जाम है और जल्दी पहुंचने के लिए कौन सा रास्ता लेना चाहिए? गूगल मैप्स कैसे काम करता है. आइए आपको बताते हैं इसके पीछे की टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है. 


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गूगल मैप्स ट्रैफिक का अनुमान लगाने और रूट तय करने के लिए कई जानकारी के स्रोतों का इस्तेमाल करता है. आइए आपको इनके बारे में बताते हैं. एक है ऐतिहासिक डेटा। 


1. पुराना डेटा


गूगल मैप्स ट्रैफिक का अनुमान लगाने के लिए पुराने डेटा का भी इस्तेमाल करता है. यह कई सालों के दौरान अलग-अलग समय और दिनों में किसी रास्ते पर गाड़ियों की औसत स्पीड पर आधारित होता है. गूगल मैप्स यह जानता है कि रास्ते पर गाडियों की स्पीड कितनी होती है. इस डेटा का विश्लेषण करके गूगल मैप्स भविष्य के किसी समय और तारीख के लिए ट्रैफिक का अनुमान लगा सकता है. यह अनुमान पिछले पैटर्न पर आधारित होगा.


2. रियल टाइम डेटा


गूगल मैप्स रीयल-टाइम डेटा का इस्तेमाल करके भी ट्रैफिक का अंदाजा लगाता है. यह सेंसर और स्मार्टफोन से इकट्ठा किया जाता है जो हर पल गाड़ियों की स्पीड का हिसाब रखते हैं. गूगल मैप्स ट्रैफिक सेंसर से डेटा का इस्तेमाल करता है, जिनमें से अधिकांश सरकारी परिवहन एजेंसियों या ट्रैफिक डेटा कंपनियों द्वारा लगाए जाते हैं. गूगल मैप्स उन एंड्रॉइड फोन यूजर्स के डेटा का भी इस्तेमाल करता है जो जीपीएस लोकेशन चालू के साथ गूगल मैप्स ऐप खोलते हैं. फोन गूगल को डेटा भेजता है जिससे कंपनी को पता चलता है कि उनकी कारें किस गति से चल रही हैं. गूगल मैप्स लगातार सड़क पर चलने वाली सभी कारों से आने वाले डेटा को जोड़ता है और इसे ट्रैफिक लेयर पर कलर्ड लाइन्स के रूप में दिखाता है. 


3. प्रिडिक्शन


गूगल मैप्स ऐतिहासिक और रीयल-टाइम डेटा का विश्लेषण करने के लिए मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी उपयोग करता है. मशीन लर्निंग कंप्यूटर साइंस की एक ब्रांच है जो कंप्यूटर को डेटा से सीखने और अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सक्षम बनाती है.


4. Waze 


Waze एक नेविगेशन ऐप है जो ड्राइवरों को ट्रैफिक घटनाओं की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है, जैसे कि दुर्घटनाएं, खराब वाहन आदि. गूगल मैप्स इस ऐप से भी डेटा का उपयोग करता है,. Google ने 2013 में Waze का अधिग्रहण किया था. तब से दोनों ऐप डेटा और सुविधाओं को शेयर कर रहे हैं. Waze यूजर्स ऐप के स्क्रीन पर टैप करके या वॉयस कमांड का उपयोग करके ट्रैफिक घटनाओं की रिपोर्ट कर सकते हैं. ये रीयल-टाइम रिपोर्ट गूगल मैप्स पर व्यक्तिगत बिंदुओं के रूप में दिखाई देती हैं. ये रिपोर्ट गूगल मैप्स को अधिक सटीक और अप-टू-डेट ट्रैफिक जानकारी और अलर्ट प्रदान करने में मदद करती हैं.