Refresh Rate of Smartphone Display: आजकल लोग स्मार्टफोन खरीदने जाते हैं तो एंट्री लेवल रेंज के स्मार्टफोन कम ही खरीदते हैं, ज्यादातर लोग ऐसा स्मार्टफोन खरीदते हैं जो मिड रेंज में आता है. दरअसल मिड रेंज के स्मार्टफोन में काफी अच्छे फीचर्स मिल जाते हैं. हालांकि लोगों को अगर डिस्प्ले के रिफ्रेश रेट के बारे में जानकारी ना हो तो मिड रेंज का स्मार्टफोन भी आपके किसी काम का नहीं रहेगा. रिफ्रेश रेट देख कर शायद ही कोई ग्राहक स्मार्टफोन खरीदता होगा, लेकिन आप अगर 30 हजार रुपये की कीमत का कोई स्मार्टफोन खरीदने जा रहे हैं तो आपको रिफ्रेश रेट के बारे में जानकारी होनी चाहिए जिससे आपके पैसे बर्बाद नहीं होंगे.   


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मिड रेंज स्मार्टफोन का रिफ्रेश रेट कितना होना चाहिए


अगर आप मिड रेंज में 1 स्मार्टफोन खरीद रहे हैं जिसकी कीमत तकरीबन ₹30000 है तो आपको डिस्प्ले के बारे में अच्छी खासी जानकारी होनी चाहिए इतना ही नहीं आपको उसके रिफ्रेश रेट के बारे में भी पता होना चाहिए क्योंकि अगर रिफ्रेश रेट ठीक नहीं है तो 30 हजार का स्मार्टफोन भी बेकार साबित होगा. दरअसल रिफ्रेश रेट किसी भी स्मार्टफोन की डिस्प्ले की स्पीड और स्मूदनेस को डिसाइड करता है. मसलन जितना अच्छा रिफ्रेश रेट होगा आप इतनी फास्ट मल्टी टास्किंग कर पाएंगे, वीडियो स्क्रोलिंग कर पाएंगे साथ ही साथ एक ऐप से दूसरे ऐप में ट्रांजिशन कर पाएंगे. वहीं अगर रिफ्रेश रेट कम रहा तो मान कर चलिए की स्मार्टफोन की डिस्प्ले वैसी हो जाएगी जैसे स्मार्ट फोन हैंग करने के दौरान हो जाती है.


अगर आप ₹30000 की कीमत तक का कोई स्मार्टफोन खरीद रहे हैं तो कोशिश करिए कि उसका रिफ्रेश रेट 90 हर्ट्ज से लेकर 120 हर्ट्ज के बीच हो. वैसे तो 120 हर्ट्ज से भी ज्यादा कर फ्रेश रेट मार्केट में आता है लेकिन चुनिंदा स्मार्टफोंस में ही यह ऑफर किया जाता है. इसके अलावा 90 हर्ट्ज से नीचे 60 हर्ट्ज का रिफ्रेश रेट भी होता है लेकिन वह ज्यादातर एंट्री लेवल स्मार्टफोंस में ही ऑफर किया जाता है इसलिए कोशिश करें कि आप अगर ₹30000 तक का कोई स्मार्टफोन खरीद रहे हैं जिसमें अच्छा प्रोसेसर हो तो इसके डिस्प्ले का रिफ्रेश रेट कम से कम 90 हर्ट्ज से लेकर 120 हर्ट्ज होना ही चाहिए.