इस भारतीय ने बनाया ChatGPT का गजब फीचर! मां को बताया तो मिला ऐसा मजेदार जवाब; लोग बोले- Desi Mom
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OpenAI में काम करने वाली भारतीय मूल की इंजीनियर ने चैटजीपीटी में गजब का फीचर बनाया. इस फीचर को न्यूज वेबसाइट में जगह मिली, जो उनके पेशेवर सफर में एक अहम मील का पत्थर है. अंशिता ने तुरंत अपनी मां को इस बारे में बताया. मां का जवाब सुनकर आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी.
भारतीय मूल की ग्रोथ इंजीनियर अंशिता सैनी, जो OpenAI में काम करती हैं, उन्होंने हाल ही में अपने करियर में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की. उन्होंने ChatGPT के लिए एक ऐसी खास फीचर विकसित किया है, जिससे यूजर्स चैटबॉट को “चैटी” या “जेन Z” जैसे गुण दे सकते हैं. इस फीचर को न्यूज वेबसाइट में जगह मिली, जो उनके पेशेवर सफर में एक अहम मील का पत्थर है.
मां से शेयर की उपलब्धी
अपनी इस उपलब्धि से उत्साहित होकर, अंशिता ने तुरंत अपनी मां को इस बारे में बताया. उन्होंने अपनी मां को मैसेज किया, 'यह फीचर जो मैंने बनाया है, न्यूज वेबसाइट में छपा है.' और इसके साथ आर्टिकल का लिंक भी भेजा.
लेकिन उनकी मां ने अंशिता की इस बड़ी सफलता पर ध्यान देने के बजाय उनकी सेहत को प्राथमिकता दी. उन्होंने जवाब दिया, 'बढ़िया! शानदार! प्रेरणादायक.' और तुरंत पूछा, 'आज नट्स और फल खाए कि नहीं?'
<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr">cannot catch a break <a href="https://t.co/exs28NVJH5">pic.twitter.com/exs28NVJH5</a></p>— Anshita Saini (@anshitasaini_) <a href="https://twitter.com/anshitasaini_/status/1881781101552926829?ref_src=twsrc%5Etfw">January 21, 2025</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
मां की प्रतिक्रिया पर अंशिता का मजाकिया जवाब
मां के इस जवाब में छुपे प्यार और चिंता को समझते हुए, अंशिता ने इस बातचीत का स्क्रीनशॉट X (पहले ट्विटर) पर शेयर किया. उन्होंने इसे कैप्शन दिया, “Cannot catch a break” (आराम करने का कोई मौका नहीं मिल सकता). इस पोस्ट को देखते ही देखते 100,000 से ज्यादा व्यूज मिल गए और लोगों ने इस पर ढेरों प्रतिक्रियाएं दीं.
इस पोस्ट को देखकर कई लोगों ने इसे बेहद रिलेटेबल बताया.
• एक यूजर ने लिखा, “भारतीय मांओं की जीत।”
• दूसरे ने कहा, “हाहाहा, बहुत रिलेटेबल है।”
• एक और कमेंट में कहा गया, 'सिर्फ एक भारतीय मां ही टेक अचीवमेंट से हेल्थ चेक पर इतनी आसानी से शिफ्ट हो सकती है.'
अंशिता की कहानी सिर्फ उनकी नहीं है, बल्कि यह कई भारतीय बच्चों की कहानी है. चाहे बच्चे कितने भी बड़े मुकाम पर क्यों न पहुंच जाएं, भारतीय माता-पिता हमेशा अपने बच्चों की सेहत और भलाई को सबसे पहले रखते हैं. इसी तरह का एक वाकया गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के साथ हुआ था. पिछले साल, जब उन्हें एक मानद डॉक्टरेट मिली, तो उनके माता-पिता ने मजाक में कहा कि वे चाहते थे कि वह एक पारंपरिक पीएचडी करें. इस पर पिचाई ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “मेरा मानना है कि मानद डिग्री भी गिनी जाती है.'