हाल ही में गेमिंग ऐप्स के ज़रिए हुई धोखाधड़ी को देखते हुए, गृह मंत्रालय के साइबर विभाग ने ऑनलाइन गेमिंग करते समय सावधानी बरतने की चेतावनी जारी की है. गृह मंत्रालय के साइबर विभाग के अंतर्गत आने वाले इंडियन साइबरक्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (14C) ने एक कॉशनरी मैसेज शेयर किया: 'स्मार्ट खेलें, सुरक्षित रहें - ऑनलाइन गेमिंग करते समय सुरक्षित रहें!'


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भरोसेमंद जगहों से ऐप करें डाउनलोड


14C विभाग ने अपने संदेश में लोगों को सलाह दी है कि, 'ऑनलाइन गेम डाउनलोड करने के लिए सिर्फ भरोसेमंद जगहों जैसे Google Play Store, Apple Store और आधिकारिक वेबसाइट का इस्तेमाल करें.' उन्होंने ये भी कहा कि 'हमेशा गेम ऐप का डेवलपर कौन है ये चेक करें, ताकि पता चल सके कि वेबसाइट असली है या नकली.' इसके अलावा, उन्होंने चेतावनी दी है कि 'कभी भी गेम में मिलने वाली खास खरीदारी या आकर्षक सब्सक्रिप्शन के झांसे में ना आएं.'


धोखाधड़ी हो तो हेल्पलाइन नंबर पर करें कॉल


गेम के चैट या फोरम में अपनी निजी जानकारी किसी से शेयर न करें, क्योंकि धोखेबाज खिलाड़ियों को फंसाने के लिए सोशल मीडिया के तरीके इस्तेमाल कर सकते हैं. गेम ऐप डाउनलोड करते समय, केवल उन्हीं परमिशन को दें जो ज़रूरी हों. अगर आपके साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी हो जाए, तो तुरंत साइबरक्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें.


पिछले साल ब्लॉक किए 581 ऐप्स


पिछले साल दिसंबर तक, सरकार ने कुल 581 ऐप्स को ब्लॉक कर दिया था, जिनमें से 174 सट्टेबाजी और जुआ ऐप्स और 87 लोन देने वाले ऐप्स शामिल थे. इन ऐप्स को गृह मंत्रालय की सिफारिश पर आईटी मंत्रालय ने आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 69A के तहत ब्लॉक कर दिया था. इनमें पबजी और गरेना फ्री फायर जैसे गेमिंग ऐप्स भी शामिल थे.


इन ऐप्स को किया ब्लॉक


पिछले साल जुलाई में, सरकार ने एक कानून में बदलाव किया था, जिससे सभी विदेशी गेमिंग कंपनियों के लिए भारत में रजिस्टर होना जरूरी हो गया. साथ ही, इस कानून ने सरकार को उन वेबसाइटों को ब्लॉक करने की भी शक्ति दे दी जो रजिस्टर्ड नहीं हैं और गैर-कानूनी काम कर रही हैं. महादेव ऐप के अलावा, जिन ऐप्स को बैन किया गया उनमें Parimatch, Fairplay, 1XBET, Lotus365, Dafabet और Betwaysatta शामिल हैं. इनमें से कई पहले से ही प्रतिबंधित सूची में थे और कुछ गैर-कानूनी रूप से भारत में चल रहे थे. हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा कि 14C की सिफारिश पर 500 से अधिक इंटरनेट-आधारित एप्लिकेशन को ब्लॉक कर दिया गया है.


हर साल इतनी शिकायतें हुईं


रिपोर्ट में बताया गया है कि 2021 से 2022 के बीच साइबर अपराध की शिकायतों में 113.7% और 2022 से 2023 के बीच 60.9% की वृद्धि हुई है. राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर दर्ज शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ रही है. साल 2023 में 15,56,176, 2022 में 9,66,790, 2021 में 4,52,414, 2020 में 2,57,777 और 2019 में 26,049 शिकायतें दर्ज की गईं.