आपने Steve Ballmer का नाम सुना होगा. यह Microsoft के पूर्व सीईओ रहे हैं. स्टीव बालमर का नाम एक बार फिर चर्चा में है क्योंकि उन्हें माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की ओर से मोटी रकम मिलने वाली है. उन्हें 1 बिलियन डॉलर भारतीय रुपयों में करीब 8 हजार करोड़ रुपये मिलने वाले हैं. स्टीव को यह रकम इसलिए मिल रही है क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट ने अपने शेयरधारकों को अधिक लाभांश देने का फैसला किया है. स्टीव माइक्रोसॉफ्ट के शेयर्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रखते हैं, जो कंपनी के 4% स्वामित्व के बराबर है.


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हालांकि, ऐसा बताया जा रहा है कि माइक्रोसॉफ्ट से मिलने वाली इस बड़ी आय में से स्टीव को एक बड़ा हिस्सा कर के रूप में देना होगा. पिछली आय के आधार पर यह अनुमान है कि उन्हें इन लाभांशों पर लगभग 200 मिलियन डॉलर का टैक्स देना पड़ सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि उन व्यक्तियों के लिए लाभांश पर 20% का कर है, जो हर साल $500,000 (करीब 4 करोड़) या उससे अधिक कमाते हैं.


सिर्फ स्टीव बाल्मर को ही कंपनी से इतना लाभांश प्राप्त होने वाला है. बताया जा रहा है कि वॉरेन बफेट की निवेश कंपनी बर्कशायर हैथवे को भी $6 बिलियन डिवीडेंड के रूप में मिलने वाले हैं. यह भारी आय विभिन्न कंपनियों द्वारा भुगतान किए गए लाभांश से आती है, जिसमें बर्कशायर हैथवे ने निवेश किया है.


कौन थे स्टीव बाल्मर?
जानकारी के मुताबिक स्टीव बाल्मर एक अमेरिकी व्यापारी कार्यकारी थे, जिन्होंने 2000 से 2014 तक माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में काम किया. उनका जन्म 1956 में मिशिगन के डेट्रॉइट में हुआ था और उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से गणित और अर्थशास्त्र में डिग्री प्राप्त की थी. स्टैनफोर्ड बिजनेस स्कूल में कुछ समय अध्ययन करने के बाद वह 1980 में Microsoft में कर्मचारी के रूप में शामिल हुए.


स्टीव बाल्मर का योगदान 
स्टीव बाल्मर ने कंपनी के शुरुआती विकास और सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. खासकर MS-DOS ऑपरेटिंग सिस्टम के विकास में उनका नाम उल्लेखनीय है. वह 1998 में Microsoft के अध्यक्ष और 2000 में CEO बने. CEO के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने विंडोज एक्सपी, एक्सबॉक्स और जून जैसे प्रमुख उत्पादों के लॉन्च का निरीक्षण किया. 2014 में उन्होंने CEO का पद छोड़ दिया.