DNA with Sudhir Chaudhary: यूरोप के 27 देशों में एक नया कानून आया है, जिसके तहत वहां पर मोबाइल फोन, डिजिटल कैमरा, Keyboard और Earbuds जैसे आपके तमाम उपकरण एक ही चार्जर से चार्ज हो सकेंगे. यानी अब वहां ऐसे चार्जर बनाए जाएंगे, जो किसी भी कम्पनी के किसी भी तरह के उपकरण को चार्ज कर पाएंगे. European Union ने इस प्रस्ताव को कानूनी रूप दे दिया है, जिसके तहत वहां अब वर्ष 2024 से सभी Electronic उपकरणों के लिए एक ही चार्जर का इस्तेमाल किया जाएगा. और इस चार्जर को Universal Charger का नाम दिया गया.


फिलहाल इस्तेमाल होते हैं ये 3 केबल


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इससे मोबाइल फोन, डिजिटल कैमरा, Portable स्पीकर्स, Headphones, Video Game, Earbuds और यहां तक कि Keyboard के लिए भी एक ही चार्जिंग केबल इस्तेमाल होगी और ये केबल होगी USB-C. अभी पूरी दुनिया में तीन तरह के चार्जर या चार्जिंग केबल इस्तेमाल होती हैं.


पहली है, Lighting Charging Cable, जिनसे Apple के मोबाइल फोन और दूसरे उपकरणों को चार्ज किया जाता है. इसके बाद USB-C चार्जिंग केबल का इस्तेमाल होता है. जो लोग Android मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं, उनके पास यही चार्जिंग केबल होती है और European Union के 27 देशों में 2024 से सभी Electronic उपकरणों के लिए यही केबल इस्तेमाल होगी और तीसरी चार्जिंग केबल है, Micro-B connector .


लोगों को दिया जाएगा चार्जर खरीदने का ऑप्शन


इस कानून के तहत दो और फैसले लिए गए हैं. पहला ये कि लोगों को मोबाइल फोन और दूसरे Electronic उपकरणों के साथ चार्जर खरीदने का विकल्प दिया जाएगा. यानी अगर कोई व्यक्ति नए मोबाइल फोन के साथ चार्जर नहीं लेना चाहता तो ये फैसला उसका होगा और दूसरा, शुरुआत में ये कानून Laptop बनाने वाली कंपनियों पर लागू नहीं होगा. इन कंपनियों को दो साल का और वक्त दिया गया है और कहा गया है कि वर्ष 2026 तक उन्हें भी अपने उपकरणों में Universal Charger की व्यवस्था देनी होगी.


यूरोपीय देशों की नई पहल


यूरोपीय यूनियन में कुल 27 देश हैं और इनकी कुल आबादी लगभग 45 करोड़ है. इसलिए अगर इन देशों में अगर एक Universal Charger आ जाता है तो संभव है कि दुनिया के बाकी देशों में भी ये कंपनियां अपनी स्वेच्छा से सभी उपकरणों के लिए एक चार्जिंग केबल देने लगें. क्योंकि इससे इन कंपनियों को भी फायदा होगा. European Union ने इस कानून को लाने के पीछे तीन वजह बताई हैं.


कार्बन का उत्सर्जन होगा कम


पहला इससे कार्बन उत्सर्जन कम किया जा सकेगा, जिससे पर्यावरण को कम नुकसान होगा. अभी जब आप अपने मोबाइल फोन को चार्ज करते हैं तो इस दौरान अलग-अलग तरह की कई Green House Gases निकलती हैं. इससे हर साल 13 Megaton Green House Gases वातावरण में घुल जाती हैं. ये उतना प्रदूषण है, जितना 11 लाख गाड़ियां एक साल में करती हैं. लेकिन USB-C केबल और Fast Charging के तरीकों से इसमें कमी लाई जा सकती है और इसीलिए ये फैसला लिया गया है.


इलेक्ट्रोनिक वेस्ट में आएगी कमी


दूसरा- अलग-अलग चार्जर खरीदने से Electronic Waste भी बढ़ता है. जैसे आपके घर में अभी अलग-अलग तरह के कई चार्जर होंगे. हो सकता है कि आपके परिवार में हर व्यक्ति का अपना अलग चार्जर हो. लेकिन समस्या ये है कि जब ये चार्जर खराब हो जाते हैं तो इनसे Electronic Waste बढ़ता है, जो पृथ्वी के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है. European Union का अनुमान है कि, Universal Charger के आने से इस तरह के 11 लाख टन Electronic Waste को पैदा होने से रोका जा सकेगा.


लोगों के पैसों की होगी बचत


तीसरा- इससे लोगों को आर्थिक फायदा होगा. इस समय यूरोप के लोग हर साल दो हजार करोड़ रुपये के Chargers खरीदते हैं. लेकिन इस फैसले के बाद इन लोगों को ये पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा. इसके अलावा इस फैसले से लोगों का जीवन भी काफी हद तक आसान होगा. या आप कह सकते हैं कि इस फैसले से चार्जर वाली चिंता खत्म हो जाएगी.


हालांकि ये निर्णय जितना क्रान्तिकारी है, उसे लागू करने में उतनी ही चुनौतियां हैं. क्योंकि Apple कंपनी ने इसका विरोध किया है और कहा है कि ये फैसला कंपनियों के बीच कुछ नया करने और अविष्कार करने की प्रतिस्पर्धा को समाप्त कर देगा. और लोगों को नई Technology नहीं मिलेगी.


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