Passport Aplication Verification: 5 अगस्त से इंटरनेशनल ट्रैवल के लिए पासपोर्ट एप्लिकेशन प्रोसेस में बड़ा बदलाव किया गया है. नया पासपोर्ट बनवाने के लिए अब आवेदकों को सरकारी प्लेटफॉर्म डिजीलॉकर का इस्तेमाल करके प्लेटफॉर्म पर जरूरी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने होंगे. एक बार डॉक्यूमेंट्स अपलोड हो जाने के बाद, आवेदक आधिकारिक वेबसाइट www.passportindia.gov.in के माध्यम से अपना पासपोर्ट आवेदन ऑनलाइन जमा कर सकते हैं.


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विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि यदि आवेदक अपने दस्तावेज़ अपलोड करने के लिए डिजीलॉकर का उपयोग करते हैं, तो उन्हें आवेदन प्रक्रिया के दौरान डॉक्यूमेंट्स की ओरिजिनल फिजिकल कॉपी ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी, जैसा कि सरकारी योजना की जानकारी में बताया गया है. इस कदम से एप्लिकेशन प्रोसेस बड़ी आसानी से और जल्दी से पूरा हो जाएगा. 


डिजिलॉकर क्या है?


डिजिलॉकर भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाने वाली एक डिजिटल वॉलेट सेवा है. इसका इस्तेमाल करके यूजर्स अपने विभिन्न सरकारी डॉक्यूमेंट्स को डिजिटल रूप से सुरक्षित रख सकते हैं. इसे कभी भी एक्सेस किया जा सकता है और इसमें यूजर्स ड्राइवर का लाइसेंस, वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र, आधार, राशन कार्ड, शैक्षणिक मार्कशीट और बहुत कुछ सुरक्षित रख सकते हैं. 


मंत्रालय ने अब ऑनलाइन आवेदन जमा करने के लिए डिजीलॉकर के माध्यम से आधार दस्तावेजों के उपयोग की अनुमति दे दी है. डिजिलॉकर उपयोगकर्ताओं को शिक्षा प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट और मतदाता पहचान पत्र जैसे महत्वपूर्ण आधिकारिक दस्तावेजों को सुरक्षित करने और उन तक पहुंचने की अनुमति देता है, जिससे यह प्रक्रिया आवेदकों के लिए और भी तेज और अधिक सुविधाजनक हो जाती है, जैसा कि सरकारी योजना जानकारी द्वारा बताया गया है.


इससे पहले डिजिलॉकर को आपके वाहन के डॉक्यूमेंट सुरक्षित करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता रहा है. अगर ट्रैफिक पुलिस चेकिंग कर रही है और उस दौरान आपके वाहन को रोका जाता है तो आप डिजिटल फॉर्म में ही अपने डाक्यूमेंट्स दिखाकर चेकिंग से बच सकते हैं क्योंकि इन डाक्यूमेंट्स को सही माना जाएगा. हालांकि डिजिलॉकर के अलावा अगर आप किसी एप्लीकेशन में अपने वाहन के डाक्यूमेंट्स को सुरक्षित करते हैं तो इसे वैलिड नहीं माना जाएगा.