PM Modi Deep Fake: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आगाह किया कि एआई में भारत के तकनीकी क्रान्ति ला सकता है साथ ही ये, लेकिन इसे सावधानी के साथ अपनाया जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि AI 21 वीं सदी को बना भी सकता है वहीं इसे तबाह भी कर सकता है. उन्होंने एआई के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और स्वास्थ्य क्षेत्र और सतत विकास के लिए एआई के उपयोग में देश के प्रयासों पर प्रकाश डाला.


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जीपीएआई शिखर सम्मलेन में बोले मोदी 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली में आयोजित ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) शिखर सम्मेलन 2023 के उद्घाटन समारोह में कहा कि एआई में भारत के प्रौद्योगिकी परिदृश्य में क्रांति लाने की क्षमता है, लेकिन बहुत सावधानी से काम करना चाहिए. यह देखते हुए कि शिखर सम्मेलन ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है जब दुनिया भर में इस बात पर बड़ी बहस चल रही है कि एआई का उपयोग कैसे किया जाना चाहिए, पीएम ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव और सतत विकास में सहायता के लिए एआई का उपयोग कैसे कर रहा है. पीएम मोदी ने डीपफेक के बारे में भी चिंता जाहिर की है. 


क्या है डीप फेक 


आसान भाषा में बताया जाए तो डीपफेक वीडियो एक प्रकार का एडिटेड वीडियो होता है. वीडियो में चेहरा इस प्रकार बदल दिया जाता है कि वो असली लगता है. इस वीडियो की पहचान करना थोड़ा मुश्किल जरूर है. इसे AI टूल्स के जरिए बनाया जाता है. Deepfake Video इनकोडर और डीकोडर नेटवर्क की मदद से बनता है. इनकोडर असली वीडियो को अच्छे तरीके से रीड करता है और दूसरी फर्जी वीडियो बनाने के लिए डाटा डिकोडर में ट्रांसफर कर देता है. डिकोडर चेहरा बदलकर एक नई वीडियो बना देता है.