भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने UPI Lite Wallet और UPI 123Pay के लिए नई ट्रांजैक्शन लिमिट्स पेश की हैं. यह भारत में डिजिटल पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मॉनिटरी पॉलिसी स्टेटमेंट के दौरान इन अपडेट्स को शेयर किया. उन्होंने यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के प्रभाव पर जोर दिया.


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RBI ने इन परिवर्तनों को लागू करने का फैसला लिया है


1. UPI 123Pay के लिए प्रति ट्रांजैक्शन लिमिट 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी जाएगी.
2. UPI Lite वॉलेट लिमिट 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दी जाएगी, जबकि प्रति ट्रांजैक्शन लिमिट 500 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दी जाएगी.


आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इन परिवर्तनों का उद्देश्य UPI के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है और सभी यूजर्स के लिए इसे सुविधाजनक बनाना है. उन्होंने एक नए फीचर का भी प्रस्ताव दिया है, जो सेंडर को रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (RTGS) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) सिस्टम के माध्यम से ट्रांसफर पूरा करने से पहले अकाउंट होल्डर का नाम वेरिफाई करने की अनुमति देता है. यह प्रस्ताव भुगतान प्रक्रिया में कमियों और धोखाधड़ी को कम करने का प्रयास करता है. 


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UPI Lite Wallet और UPI 123Pay क्या हैं


UPI Lite Wallet यूपीआई ट्रांजैक्शन को सरल बनाता है. यह यूजर को 500 रुपये तक की राशि के लिए अपना UPI पिन दर्ज किए बिना पेमेंट करने की सुविधा देता है. अब नई लिमिट के मुताबिक 1,000 रुपये तक के लेनदेन की अनुमति मिलेगी. UPI Lite का इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को पहले अपना UPI Lite वॉलेट फंड करना होगा. इस फंडिंग के लिए पिछली अधिकतम राशि 2,000 रुपये थी. हालांकि, अब इसे बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया गया है.


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UPI 123Pay फीचर फोन यूजर्स के लिए एक काम करता है, जो UPI पेमेंट को सुविधाजनक बनाने के लिए चार अलग-अलग तरीके प्रदान करता है.


1. पूर्व-परिभाषित इंटरैक्टिव वॉइस रिस्पॉन्स (IVR) नंबर
2. मिस्ड कॉल भुगतान विधि
3. OEM-आधारित भुगतान प्रणाली 
4. ध्वनि-आधारित भुगतान तकनीक