TikTok को खरीदना चाहते हैं Shark Tank जज, लेकिन `डिस्काउंट` पर
Shark Tank: केविन ओ`लेरीजो रियलिटी शो शार्क टैंक में जाने जाते हैं, उन्होंने टिकटॉक को खरीदने की इच्छा जताई है. लेकिन, ओ`लेरी टिकटॉक को किसी भी कीमत पर खरीदना नहीं चाहते. वे टिकटॉक को बेहद कम कीमत में खरीदना चाहते हैं. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
TikTok: अमेरिका में बैन लगने के डर से टिकटॉक को खरीदने की रेस में एक नया नाम शामिल हो गया है. केविन ओ'लेरी (Kevin O'Leary) जो रियलिटी शो "Shark Tank" में जाने जाते हैं, उन्होंने टिकटॉक को खरीदने की इच्छा जताई है. CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक ओ'लेरी टिकटॉक को बहुत कम कीमत में खरीदना चाहते हैं.
ओ'लेरी कितनी कीमत में खरीदना चाहते हैं टिकटॉक
ओ'लेरी टिकटॉक को किसी भी कीमत पर खरीदना नहीं चाहते. उनकी पेशकश टिकटॉक की असल कीमत ($220 बिलियन) से काफी कम सिर्फ $20 बिलियन से $30 बिलियन के बीच है. इतनी कम कीमत देने की वजह ये है कि ओ'लेरी टिकटॉक के उस खास अल्गोरिथ्म को अपने साथ शामिल नहीं करना चाहते, जो हर यूजर के लिए अलग-अलग कंटेंट दिखाता है और टिकटॉक को इतना लोकप्रिय बनाता है.
ओ'लेरी खुद मानते हैं कि चीन के सहयोग के बिना इस अल्गोरिथ्म को दोबारा बनाना बहुत मुश्किल है. उनका कहना है कि "आज के समय अमेरिका में टिकटॉक सबसे बड़ा मनोरंजन और बिजनेस नेटवर्क है. इसीलिए इसे खरीदना फायदेमंद है. लेकिन, इस डील में उस खास अल्गोरिथ्म को शामिल नहीं किया जाएगा."
अगर ओ'लेरी को टिकटॉक खरीदना है तो उन्हें एक नया अल्गोरिथ्म बनाना होगा, जो काफी समय लेने वाला और महंगा काम है. साथ ही ये भी पता नहीं है कि नया अलॉरिथ्म उतना अच्छा होगा जितना कि पुराना था. नए अल्गोरिथ्म की वजह से लोग टिकटॉक का इस्तेमाल कम भी कर सकते हैं.
राष्ट्रपति चुनाव के बाद टिकटॉक हो सकता है बैन
ओ'लेरी को लगता है कि अमेरिका के आने वाले राष्ट्रपति चुनाव के बाद टिकटॉक को बैन किया जा सकता है या फिर अमेरिका को अपना कारोबार बेचने के लिए मजबूर किया जा सकता है. वो इस डील के लिए तैयारी कर रहे हैं और उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प से बात की है. साथ ही मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी बात करने की सोच रहे हैं. ओ'लेरी का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों की वजह से इस डील को मंजूरी देने के लिए व्हाइट हाउस की सहमति जरूरी होगी. वो इस डील के लिए पार्टनर ढूंढ रहे हैं और अप्रैल से वो सरकारी धन लगाने वाली संस्थाओं से संपर्क करेंगे.