Shashi Tharoor ने जिस Air Purifier का किया प्रचार, चलते-चलते अचानक हुआ बंद; जानिए क्या है ये Atovio Pebble
Atovio Pebble, जो एक छोटा सा पोर्टेबल एयर प्यूरीफायर है. हाल ही में, नेता शशि थरूर ने इस Pebble को गले में पहनकर फोटो खिंचवाई और सोशल मीडिया पर पोस्ट की. लेकिन कुछ ही घंटों बाद, उन्होंने बताया कि Pebble खराब हो गया है.
आमतौर पर एयर प्यूरीफायर में HEPA फिल्टर का इस्तेमाल होता है. लेकिन Atovio अलग है, ये anions-based एयर प्यूरीफायर बनाती है. इनमें से एक है Atovio Pebble, जो एक छोटा सा पोर्टेबल एयर प्यूरीफायर है. हाल ही में, नेता शशि थरूर ने इस Pebble को गले में पहनकर फोटो खिंचवाई और सोशल मीडिया पर पोस्ट की. लेकिन कुछ ही घंटों बाद, उन्होंने बताया कि Pebble खराब हो गया है.
पोर्टेबल एयर प्यूरीफायर के शौकीन हैं शशि थरूर
ऐसा लगता है कि शशि थरूर पोर्टेबल एयर प्यूरीफायर के शौकीन हैं. दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के साथ, जहां वे एक राजनेता के रूप में रहते हैं, थरूर स्पष्ट रूप से पोर्टेबल एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करते हैं. इससे पहले वे एयरटैमर का उपयोग कर रहे थे, जो Atovio Pebble के समान प्रोडक्ट है. लेकिन एयरटैमर किसी भारतीय कंपनी द्वारा नहीं बनाया गया है. Pebble भारतीय कंपनी द्वारा बनाया गया है.
थरूर ने ट्वीट किया, 'कई लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि मैं अब अपनी गर्दन के चारों ओर एयरटैमर क्यों नहीं पहन रहा हूं, खासकर जब इन दिनों दिल्ली में वायु प्रदूषण अपने चरम पर है. बहुत सीधे शब्दों में कहें तो, डिवाइस अब चार्ज नहीं हो पा रहा था. अब मुझे Atovio मिला है, जो एक मेड-इन-इंडिया ऑप्शन है और यह दावा करता है कि यह सस्ता होने के साथ-साथ वही काम करता है.कल मुझसे मिली युवा टीम ने इसे बनाया है. मैंने उनके उत्पाद के सुंदर डिजाइन की तारीफ की और इसे कुछ समय के लिए आजमाऊंगा.'
दुर्भाग्य से, थरूर और Atovio टीम के लिए, Pebble भी खराब हो गया. कुछ घंटों बाद थरूर ने फिर ट्वीट किया, "अफसोस, मेरा Atovio आज काम नहीं कर रहा है, जबकि पूरी रात चार्ज किया था. लगता है इसे और बेहतर बनाने की जरूरत है.' जबकि थरूर अलग-अलग छोटे एयर प्यूरीफायर आजमा रहे हैं, सवाल ये है: ये Atovio और AirTamer क्या हैं और क्या ये वाकई काम करते हैं, खासकर दिल्ली जैसे शहर में जहां हवा इतनी गंदी है.
कैसे अलग है ये पोर्टेबल एयर प्यूरिफायर
आमतौर पर, एयर प्यूरीफायर में HEPA फिल्टर होते हैं. ये फिल्टर हवा को साफ करते हैं. ये डिवाइस हवा को अंदर खींचते हैं, उसे फिल्टर से गुजारते हैं, और फिर साफ हवा को बाहर छोड़ते हैं. जब आप Dyson, Philips, Xiaomi या किसी अन्य कंपनी से एयर प्यूरीफायर खरीदते हैं, तो असल में आप एक बॉक्स खरीद रहे होते हैं जिसमें कुछ मोटरें और कई फिल्टर लगे होते हैं. एक मोटर हवा को अंदर खींचती है, उसे फिल्टर से गुजारती है, और फिर दूसरी मोटर साफ हवा को बाहर छोड़ती है.
लेकिन Atovio Pebble जैसे छोटे एयर प्यूरीफायर में फिल्टर नहीं होते हैं. ये हवा को साफ करने के लिए आयनों का इस्तेमाल करते हैं. ये तकनीक नई नहीं है, लेकिन कंपनियां इसे नया बता रही हैं. Atovio कहता है कि उनके डिवाइस हवा में कुछ खास कण छोड़ते हैं. ये कण हवा में मौजूद गंदगी, वायरस और बैक्टीरिया से चिपक जाते हैं और उन्हें हवा से हटा देते हैं.
सोचा यह जा रहा है कि अगर आप Atovio Pebble जैसा डिवाइस गले में पहनते हैं, तो आपके आस-पास की हवा साफ हो जाएगी और ये दिखाने के लिए कि Pebble काम करता है, Atovio कहता है कि उसने IIT कानपुर के साथ मिलकर इसकी तकनीक का परीक्षण किया है. लेकिन उनकी वेबसाइट पर इस अध्ययन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है. हालांकि आयनों से हवा साफ करने का विचार बहुत अच्छा लगता है, लेकिन ज्यादातर लोग अभी भी फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करते हैं. इसका कारण यह है कि अभी तक कोई भी साबित नहीं कर पाया है कि आयनों से हवा वाकई साफ हो सकती है, खासकर दिल्ली की सड़कों जैसी जगह पर. दुनिया भर में, इन आयनों वाले प्यूरीफायर को ज्यादातर स्वास्थ्य उपकरण के रूप में बेचा जाता है. ये डॉक्टर के क्लीनिक या हवाई जहाज जैसी जगहों पर वायरस और बैक्टीरिया से बचाने में मदद कर सकते हैं. लेकिन इन्हें आम तौर पर हवा साफ करने वाले यंत्र के रूप में नहीं बेचा जाता है.
डायसन भी ला चुका है कुछ ऐसा प्रोडक्ट
दुनिया के कई हिस्सों में प्रदूषण बहुत बढ़ गया है, इसलिए कई कंपनियां छोटे-छोटे एयर प्यूरीफायर बना रही हैं. Atovio अकेली नहीं है. Dyson ने भी हाल ही में Zone नाम का एक डिवाइस लॉन्च किया था. ये हेडफोन और मास्क का मिश्रण था, जिसमें फिल्टर और आयनों का इस्तेमाल होता था.लेकिन इस डिवाइस का डिजाइन बहुत अजीब था और ये काफी भारी भी था, इसलिए लोगों ने इसे ज्यादा पसंद नहीं किया.
डायसन जोन से अलग, Atovio Pebble या AirTamer जैसे डिवाइस ज्यादा अच्छे दिखते हैं. लेकिन ये छोटे डिवाइस शायद बहुत बड़ी समस्या को हल नहीं कर सकते, खासकर जब बाहर की हवा बहुत गंदी हो. जब दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा होता है, तो बाहर साफ हवा पाना लगभग नामुमकिन है. साफ हवा सिर्फ बंद कमरे या गाड़ी जैसी जगहों पर मिल सकती है.