Satellite Spectrum: आज कल सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस की काफी बात हो रही है. Elon Musk की कंपनी Starlik भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने की तैयारी कर रही है. इसके साथ ही कई और कंपनियां भी इसी दिशा में काम कर रही हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर एलेक्स नाम के यूजर ने पोस्ट किया. पोस्ट में उन्होंने लिखा कि भारत के संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि देश में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं होगी, बल्कि इसे सीधे आवंटित किया जाएगा. 



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एलेक्स के इस पोस्ट पर स्टार लिंक के मालिक Elon Musk ने जवाब दिया है. एलन मस्क ने अपने जवाब में "Promising" शब्द का इस्तेमाल किया है. 


संचार मंत्री ने क्या कहा
संचार मंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा कि कोई भी देश सैटेलाइट सर्विस के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं करता है. हर देश को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) का पालन करना होता है, जो सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के आवंटन पर नीति निर्धारित करता है. चूंकि भारत ITU का सदस्य है, जो संयुक्त राष्ट्र की सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) और स्पेक्ट्रम प्रबंधन के लिए विशेष वैश्विक एजेंसी है. 


भारत में टेलीकॉम कंपनियों और सैटेलाइट कंपनियों के बीच क्यों है लड़ाई?
भारत में इस समय टेलीकॉम कंपनियों जैसे रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और ग्लोबल सैटेलाइट कंपनियों जैसे स्टारलिंक और अमेजन के बीच एक तीखी लड़ाई चल रही है. यह लड़ाई सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के आवंटन के तरीके और ब्रॉडबैंड सर्विस का समर्थन करने के लिए इसकी कीमत को लेकर है. 


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हालांकि, भारत के स्थानीय टेलीकॉम कंपनियों जैसे Reliance Jio और Airtel का मानना है कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी होनी चाहिए, ताकि सभी कंपनियों को समान अवसर मिले. ये कंपनियां यह भी कह रही हैं कि सैटेलाइट कंपनियों को शहरों में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि इससे स्थानीय कंपनियों को नुकसान हो सकता है. 


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भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस का स्टेटस
अभी भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू नहीं हुई हैं, क्योंकि सरकार ने स्पेक्ट्रम आवंटन के तरीके और कीमतों के बारे में अभी फैसला नहीं किया है. यह फैसला TRAI करेगा.