भारतीय नागरिकों को इंटरनेट का बेहतरीन अनुभव देने के मकसद से सरकार ने नए नियम जारी किए हैं. नए नियम डिजिटल कनेक्टिविटी को लेकर संपत्तियों की रेटिंग के लिए बनाए गए हैं. इसी के साथ नए नियम दूरसंचार सेवा मुहैया कराने वाली कंपनियों और संपत्ति प्रबंधकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देंगे. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 'डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए संपत्तियों की रेटिंग विनियम, 2024' के नाम से विनियम जारी किए हैं. 


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विनियमों के प्रावधानों के मुताबिक डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए संपत्तियों की रेटिंग मैनेज करने के लिए ट्राई की ओर से एक रेटिंग प्लेटफॉर्म सेटअप किया जाएगा. इसके अलावा, ट्राई एक इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी सिस्टम और इससे जुड़े एप्लिकेशन को भी सेटअप करेगा. ट्राई ने कहा, "वे प्रॉपर्टी मैनेजर जो अपनी प्रॉपर्टी के मिनिमम स्पेसिफाइड साइज के साथ रेटिंग के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें रेटिंग प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. रजिस्ट्रेशन के लिए प्रॉपर्टी मैनेजर को फीस और अथॉरिटी द्वारा तय किए गए फॉर्मेट का ध्यान रखना होगा."


डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए रेटिंग के मकसद से प्रॉपर्टी को आवासीय, सरकारी प्रॉपर्टी, कमर्शियल इस्टैब्लिशमेंट, निजी या सार्वजनिक क्षेत्र, स्टेडियम या खेल का मैदान, ट्रांसपोर्ट कॉरिडर और लोगों के बार-बार इकट्ठा होने वाली जगह जैसी कैटेगरी में बांटा गया है. दूरसंचार नियामक के मुतबिक 4जी (एलटीई) नेटवर्क के कवरेज और 5जी नेटवर्क के रोलआउट के बावजूद स्पेक्ट्रम बैंड की उपलब्धता एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है. इसके अलावा, बिल्डिंग के अंदर डिजिटल कनेक्टिविटी की कवरेज और गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है. इन परेशानियों को सेवा प्रदाताओं और संपत्ति प्रबंधकों के सहयोग से दूर किए जाने की जरूरत है.


नए नियमों को संपत्ति प्रबंधकों द्वारा अपने ग्राहकों को एक अच्छा डिजिटल कनेक्टिविटी अनुभव प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बनाए गए हैं. दूरसंचार नियामक ने कहा, "बेहतर रेटिंग वाली संपत्ति ज्यादा यूजर्स, खरीदारों और निवेशकों को आकर्षित करेगी और इससे संपत्ति का मूल्य बढ़ेगा." भारत में 927.56 मिलियन वायरलेस इंटरनेट ग्राहक हैं, जबकि जून 2024 तक 42.04 मिलियन इंटरनेट ग्राहक अपने घरों या दफ्तरों में वायर्ड कनेक्टिविटी रखते हैं. वर्तमान में, अधिकांश आबादी इंटरनेट तक पहुंचने के लिए वायरलेस नेटवर्क पर निर्भर है.


नियामक के मुताबिक डिजिटल कनेक्टिविटी रेटिंग एजेंसी (डीसीआरए) के रूप में पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाली कोई भी इकाई रेटिंग प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन के जरिए प्राधिकरण द्वारा लिस्ट की जाएगी. ट्राई के मुताबिक डीसीआरए को किसी भी तरह की फीस, नियम-शर्तों को लेकर पहले ही जानकारी देनी होगी. इसके अलावा, किसी भी रेटिंग गतिविध‍ि को शुरू करने से पहले इन नियम-शर्तों और फीस के लिए संपत्ति प्रबंधकों की स्वीकृति मायने रखेगी.


(इनपुट: आईएएनएस)