कैब बुकिंग काफी आम बात हो गई है. कहीं भी जाना हो तो हम घर से ही कैब बुक कर देते हैं. उबर और ओला भारत में काफी एक्टिव और पॉपुलर हैं. इन्हीं में से उबर है, जिसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. एक उबर ड्राइवर ने खुलास किया कि उसने राइड को कैंसिल करके कैसे अपनी कमाई को बढ़ा दिया. यह उन अधर में लटके यात्रियों के लिए निराशाजनक हो सकता है, जो कैब का इंतजार करते रह जाते हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि ड्राइवर राइड कैंसिल करके ज्यादा पैसा कमा रहे हैं.


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उबर ड्राइवर ने किया खुलासा


बिजनेस इनसाइडर को दिए इंटरव्यू में बिल नाम के रिटायर्ड उबर डाइवर ने अपना एक्सपीरियंस शेयर किया. 70 साल के बिल ने बताया कि कैसे उन्होंने ज्यादा कमाई के लिए राइडशेयरिंग की ओर चले गए. वो हर राइड को एक्सेप्ट नहीं करत थे. एक्सट्रा टिप और डिमांड के हिसाब से कैब रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट करते थे.


साल भर में कमाए 28 हजार डॉलर


उन्होंने खुलासा कियाा कि वो सिर्फ 10 परसेंट ही रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करते थे और 30 परसेंट स ज्यादा रिक्वेस्ट को कैंसिल कर देते थे. उनका टारगेट होता था कि सिर्फ वही सवारी मिले जो आर्थिक रूप से मजबूत हों. पिछले साल उन्होंने करीब 1500 उबर ट्रिप से 28 हजार डॉलर (करीब 24 लाख रुपये) से अधिक की कमाई की. जिस वक्त कीमत में उछाल आता था वो उस वक्त ड्राइव करते थे. ऐसे में वो कम ड्राइविंग करके ज्यादा कमाई करते थे.


उन्होंने कहा, 'कीमत में उछाल नहीं आता तो मैं काम नहीं करता.' सर्ज के कारण ही ड्राइवर की ज्यादा कमाई होती है. महामारी के दौरान जब बाहर निकलने में संकोच कर रहे थे तो बिल हर घंटे 50 डॉलर कमा रहे थे. लेकिन जब ड्राइवर सड़क पर ज्यादा होते हैं तो हर घंटे 15 से 20 डॉलर की कमाई होती है. उन्होंने अच्छा पैसा कमाने के लिए कुछ रणनीतियां तैयार कीं. वो हमेशा हाई डिमांड लोकेशन्स (एयरपोर्ट और बार) को चुनते थे. उन्होंने देखा कि उछाल रात 10 बजे आता है. शुक्रवार और शनिवार को सुबह 2.30 बजे अच्छी कमाई होती है. इससे उनको काफी फायदा मिला. 


वो हमेशा से ही एकतरफ सवारी से बचते हैं. एक बार बिल एक ग्राहक को दूर घंटे ड्राइव करके दूर ले गए. वहां उनको कोई राइड रिक्वेस्ट नहीं मिली. जिससे बिल को काफी नुकसान हुआ. वो हमेशा से ही ऐसी जगहों पर जाते हैं, जहां से राइड आसानी से मिल जाए.