Vivo के अधिकारियों को मिली जमानत, जानें क्यों किए गए थे अरेस्ट
Vivo: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने वीवो के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया था. दिल्ली की एक अदालत ने अब उन्हें जमानत दे दी है, लेकिन उनकी रिहाई पर शर्तें भी लगा दी हैं. आइए आपको इस केस के बारे में विस्तार से बताते हैं.
Vivo India: चीनी स्मार्टफोन निर्माता विवो इंडिया के अधिकारियों को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था. प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने कंपनी के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया था. दिल्ली की एक अदालत ने अब उन्हें जमानत दे दी है, लेकिन उनकी रिहाई पर शर्तें भी लगा दी हैं. बताया जा रहा है कोर्ट ने गिरफ्तारी प्रक्रिया में गलती के कारण उनकी हिरासत को गैरकानूनी माना और बेल दे दी. आइए आपको इस केस के बारे में विस्तार से बताते हैं.
ईडी ने कब किया था गिरफ्तार
जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए अधिकारिओं का नाम कंपनी के अंतरिम सीईओ हांग जूक्वान, सीएफओ हरिंदर दहिया और कंसल्टेंट हेमंत मुंजाल है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सभी को 21 दिसंबर को गिरफ्तार किया था, लेकिन उन्होंने दावा किया कि उन्हें 22 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था. ऐसा ही ईडी ने भी दर्ज किया था.
कोर्ट ने अधिकारियों को क्यों दी जमानत
कोर्ट ने कंपनी के तीनों अधिकारियों की हिरासत को गैरकानूनी पाया, क्योंकि गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर सभी को जज के सामने पेश किया जाना चाहिए था. इसलिए अदालत ने तीनों को 2 लाख रुपये के जमानत बांड पर रिहा करने का आदेश दिया.
कोर्ट ने ईडी की इस बात को माना
हालांकि, ईडी ने चिंता व्यक्त की कि अधिकारी सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. ईडी ने कोर्ट से अनुरोध किया कि सभी अधिकारी 3 जनवरी तक एजेंसी को रिपोर्ट करें. अदालत ने ईडी की इस बात को स्वीकार किया.
यह है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक यह पूरा मनी लॉन्ड्रिंग केस का है, जिसमें वीवो इंडिया के अधिकारियों का नाम आ रहा है. आरोप है कि कंपनी ने टैक्स बचाने के लिए अवैध तरीके से 62,476 करोड़ रुपये चीन भेजे, जिससे भारत को नुकसान हुआ. एजेंसी ने जुलाई 2023 में वीवो इंडिया और उसके सहयोगियों के यहां छापेमारी की थी, जिसमें चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था.