नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) संकट, साइबर हमले और पासपोर्ट फ्रॉड की बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने बड़े बदलाव की दिशा में कदम उठाया है. भारत सरकार तेजी से इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट (E-Passport) पर काम कर रही है जो पासपोर्ट वेरिफिकेशन की पूरी प्रक्रिया को 10 गुना तक तेज कर देगा. ये पूरी तरह से टचलेस होने के अलावा कई शानदार फीचर्स से भी लैस रहेगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इसी कड़ी में कार्यरत IIT कानपुर ई-पासपोर्ट के लिए 60 केबी की सिलिकॉन चिप बना रही है. इस चिप में 30 ट्रिप तक का डेटाबेस स्टोर किया जा सकेगा. इसके अलावा चिप डेटाबेस में बायोमेट्रिक जैसे फीचर्स भी देखने को मिलेंगे. सरकार का दावा है कि इसके चलन से पासपोर्ट फ्रॉड जैसी वारदातों पर लगाम लगाई जा सकेगी. 


दरअसल, ई-पासपोर्ट निर्माण का पूरा काम विदेश मंत्रालय की निगरानी में किया जाएगा. इसके लिए नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर और आईआईटी कानपुर के बीच करार हुआ है. यह दोनों संस्थान मिलकर इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट की सिलिकॉन चिप का निर्माण कार्य में जुटी हुईं हैं. पासपोर्ट की प्रिंटिंग और असेंबलिंग का काम इंडियन सिक्योरिटी प्रेस नासिक में किया जाएगा, यानी पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से लैस होगा यह सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट.


ये भी पढ़ें:- बिकरु कांड: विकास दुबे के करीबी नहीं दे पा रहे कारतूसों का हिसाब


बताते चलें कि भारत सरकार ने 2017 में ही इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट की तरफ कदम बढ़ाए थे. बढ़ते हुए साइबर अपाध, पासपोर्ट फ्रॉड और करोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इस योजना पर कार्य गति को तेज कर दिया गया है और टचलेस सुविधा लाने की कोशिश चल रही है. बता दें कि भारत से पहले हांगकांग और सिंगापुर जैसे देशों में इस तरह के पासपोर्ट प्रचलित है जो सुरक्षित भी हैं और सफल भी.


LIVE TV



क्या है ई-पासपोर्ट?
ये एक एडवांस्ड सिक्योरिटी फीचर्स से लैस पासपोर्ट होगा जिसपर आवेदक के डिजिटल साइन होगें. इसमें एक 60kb की चिप को लगाया गया है जिसमें आवेदक का पूरा डेटा जैसे फोटो, ई-सिगनेचर, आंखों और फिंगरप्रिंट जैसे बायोमेट्रिक सूचनाएं स्टोर होंगी. ऐसे में अगर किसी शख्स द्वारा इस चिप को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जाती है तो उसका पासपोर्ट बेकार हो जाएगा. इसके अलावा चिप में स्टोर की हुई जानकारी को बिना फिजिकल पासपोर्ट के नहीं पढ़ा जा सकेगा.


क्या है खासियत ?
ई-पासपोर्ट स्वदेशी भारतीय तकनीक से निर्मित होगा. जिसमें आगे और पीछे के कवर मोटे होंगे. फिजिकल पासपोर्ट के पीछे के कवर पर पोस्टेज स्टांप से भी छोटा सिलिकॉन चिप लगा होगा. इस चिप को रीड करने में महज कुछ सेकंड ही लगेंगे. इसके अलावा ई-पासपोर्ट में 30 विदेशी यात्राओं और वीजा के सभी बारकोड शामिल रहेंगे. इस पासपोर्ट के जरिए टचलेस इमीग्रेशन संभव होगा, जिससे करोना संक्रमण काल में अधिक सुरक्षा दी जा सके.