Kamakhya Temple Mystery: हमारे देश में लाखों मंदिर हैं, लेकिन कुछ मंदिर ऐसे हैं जो विचित्र हैं. इन्हीं में से एक कामाख्या मंदिर. असम का ये मंदिर काला जादू के लिए जाना जाता है. मान्यता है कि इस सिद्धपीठ पर हर किसी की मनोकामना पूरी होती है. यहां तंत्र विद्या जानने वालों का तांता लगा रहता है. कामाख्या देवी के 51 शक्तिपीठों में शामिल है. आपको बता दें कि माता सती के अंग अलग-अलग जगहों पर गिरे थे. जहां पर भी माता का कोई अंग या फिर कोई आभूषण गिरा उस जगह को शक्तिपीठ कहा जाता है. कामाख्या में सती माता की महामुद्रा (योनि) है. यहां पर सिद्धी प्राप्त करने के लिए कई लोग जाते हैं. 


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तांत्रिक पूजा


तांत्रिक विद्या मां की साधना के बाद हासिल होती है. कामाख्या में कई ऐसे साधु हैं जिन्हें दसों महाविद्याएं प्राप्त हैं. मान्यताओं के मुताबिक जादू-टोना से पीड़ित व्यक्तियों का उतारा इस मंदिर में किया जाता है. अगर कोई काला जादू या बुरी आत्माओं के साये से परेशान है तो इस दिक्कत से कामाख्या मां के दरबार में छुटकारा मिल सकता है. मंदिर में नकारात्मकता दूर करने के लिए तावीज भी मिलता है. 


वशीकरण पूजा


यहां कामाख्या माता के साथ काली माता के दस रूपों की पूजा की जाती है. कामाख्या मंदिर में वशीकरण के लिए भी पूजा और हवन किया जाता है. अगर घर के लोगों के बीच वैमनस्य है तो लोग वशीकरण पूजा करवाते हैं. 


जून में होता है चमत्कार


ये मंदिर ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित है. मान्यता है कि जून के महीने में माता को मासिक चक्र होता है. इस दौरान तीन दिनों तक ब्रह्मपुत्र नदी का पानी लाल रंग का हो जाता है. इन तीन दिनों तक मंदिर का गर्भ गृह बंद रखा जाता है. माता को इससे पहले सफेद रंग का लंबा कपड़ा चढ़ाया जाता है, कपाट खोलने पर कपड़े का रंग बदल जाता है. इसे अंबुचाची  वस्त्र कहते हैं, बाद में इसे भक्तों में बांटा जाता है. कामाख्या में इन दिनों में अंबूचाची मेला लगता है जो विश्व प्रसिद्ध है. 


कैसे जाएं कामाख्या


कामाख्या मंदिर असम के दिसपुर में पहाड़ी पर स्थित है. कामाख्या मंदिर रेल से यात्रा कर आप कामाख्या आसानी से पहुंच सकते हैं. कामाख्या से 14 किलोमीटर की दूरी पर गोपीनाथ बारडोली हवाई अड्डा है. 


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